FARRUKHABAD : रविवार को यहां अंजुमन स्कूल में नगर विधायक विजय सिंह की ओर से आयोजित रोजा अफ्तार में शामिल होने वालों में अधिकांश के लिये मीडिया के सामने मुंह दिखाने और छिपाने की अपनी-अपनी मजबूरियां नजर आयीं। आयोजन में कई ऐसे सपाई भी मुस्कुराते और फोटो खिंचाते दिखे जो कैमरे पीछे उस्ताद को पानी पी-पी कर गालियां देते नहीं थकते, तो वहीं कई चेहरे ऐसे भी थे जो मीडिया के कैमरे से बचकर निकलजाने की कोशिश लगे थे।
यूं तो रोजा इस्लाम के बुनियादी पांच उसूलों में से एक महत्वपूर्ण फर्ज है। इसका बड़ा सवाब है। रोजेदार को अफ्तार कराना भी बहुत सवाब का काम माना जाता है। इसी के साथ रोजा अफ्तार के लिये हलाल की कमाई से खरीदा गया रिज्क ही होना भी जरूरी है। परंतु यह सब किताबों की बातें हो गयीं। रोजा अफ्तार में शामिल होने वालों का न रोजा उस दर्जे का रहा और न अफ्तार के पीछे की दौलत और नियत महत्वपूर्ण रही। इतना ही नहीं इन आयोजनों का उपयोग सियासतदानों और सरमायादारों के शक्तिप्रदर्शन और रसूख का प्रदर्शन बनकर रह गयी।
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आयोजन जब सियासी हो तो उसमें शामिल होने वालों की मंशा और नियत भी सियासी होना स्वभाविक ही है। ऐसे में निर्दलीय नगर विधायक की ओर से आयोजित रोजा अफ्तार में कई ऐसे सपा नेता भी मुस्कुराकर फोटो खिंचाते दिखे जिनको उस्ताद फूटी आंख नहीं सुहते। वहीं भाजपा, बसपा और कांग्रेस से जुड़े कुछ ऐसे लोग भी थे जो व्यक्तिगत संबंधों और बदलती राजनैतिक परिस्थति के चलते आ तो गये पर मीडिया से बचते नजर आये। सपा नेता व पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव, राशिद जमाल सिद्दीकी, जिलापंचायत अध्यक्ष तहसीन सिद्दीकी, नदीम फारूकी, मिन्ना खां, कल्लू यादव, चन्नू यादव, अरुण प्रकाश तिवारी, फसीह मुजीबी, मनोज मिश्रा, जियाउद्दीन, हाजी दिलदार हुसैन आदि मौजूद रहे।
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