सूचना न देने पर डीआईओएस व बीएसए पर अर्थदंड

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rti logoकानपुर देहात: माती स्थित कलेक्ट्रेट सभागार में विशेष कैंप के दौरान मुख्य सूचना आयुक्त ने आयोग की लंबित 77 मामलों की सुनवाई की। वहीं सूचना न देने पर डीआईओएस व बीएसए पर 25-25 हजार रुपये अर्थदंड लगाया।

जन सूचना अधिकार में पायलट प्रोजक्ट के तहत कानपुर देहात समेत महोबा, हमीरपुर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मथुरा व झांसी में विशेष कैंप आयोजित किए गए हैं। इसी क्रम में शनिवार को माती कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित विशेष कैंप में राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त रणजीत सिंह पंकज के समक्ष सूचना अधिकार से संबंधित 77 मामले सुनवाई के लिए रखे गए। डेरापुर थाना क्षेत्र के अमौली कुर्मियान गांव निवासी उमेश कुमार ने बताया कि 29 अक्टूबर 2012 को 9 बिंदुओं पर मांगी गई सूचना बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा न दिये जाने पर 14 दिसंबर 12 को अपीलीय अधिकारी एडी बेसिक को प्रार्थना पत्र दिया। अपीलीय अधिकारी से भी सूचना न मिलने पर 4 अप्रैल को राज्य सूचना आयोग में अपील की। सुनवाई के दौरान डिप्टी बीएसए सूचना उपलब्ध न कराए जाने पर संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इसपर मुख्य सूचना आयुक्त ने बीएसए को दोषी मानते हुए 25 हजार रुपए का अर्थदंड लगाने का आदेश दिया। राजपुर के कैलाशनाथ कटियार ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से सूचना न मिलने की शिकायत की। डीआईओएस के प्रतिनिधि सह जिला विद्यालय निरीक्षक संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। मामले में मुख्य सूचना आयुक्त ने डीआईओएस पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड का आदेश सुनाया। कैंप में सुनवाई के लिए रखे गए 77 मामलों में 74 का निस्तारण किया गया है। शेष तीन मामलों की सुनवाई के लिए 22 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई है।

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कैंप के दौरान मुख्य सूचना आयुक्त ने बताया कि सुनवाई के दौरान 27 मामलों में वादी नहीं आए, इससे लगता है कि उन्हें लिखित सूचना मिल गई है। तीन माह के भीतर अर्थदंड जमा न करने पर भू-राजस्व के रूप में वसूली की जाएगी। आरोपित अधिकारी पुन: विचार प्रार्थना पत्र देकर अपना पक्ष रख सकते हैं, यदि उचित पाया गया तो सुनवाई की जाएगी। इस दौरान एडीएम प्रशासन भरत जी पांडेय, एएसपी रामकिशुन, एसडीएम समीर वर्मा, अतिरिक्त मजिस्ट्रेट घनश्याम, अधिशासी अभियंता विद्युत समेत सभी अधिकारी मौजूद रहे।