फर्रुखाबाद: शासन की ओर से लाख कवायद के बावजूद स्थानीय प्रशासन की ढिलाई के चलते बीएड कालेजों के संचालक शिक्षा माफियाओं की अवैध वसूली पर लगाम नहीं लग पा रही है। ऑनलाइन चयन व विद्यालय आबंटन व फीस सीधे बैंक में जमा करने के बावजूद छात्रों से अवैध वसूली किस्त दर किस्त जारी है। कई अभिभावक तो इन शिक्षा माफियाओं की अवैध वसूली की मांग को पूरा करने के लिये बैंकों और साहूकारों के दरवाजों तक पर माथा टेकने को मजबूर हैं।
विदित है कि शिक्षा माफिया पर लगान कसने की दृष्टि से इस बार शासन की ओर से बीएड कक्षाओं में प्रवेश के लिये ऑलाइन आवेदन के साथ ही केंद्रीयकृत परीक्षा प्रणाली और उसके बाद ऑनलाइन काउंसिलिंग व सीधे बैंक में चालान द्वारा निर्धारित फीस जमा करने की व्यवस्था की गयी थी, व छात्रों के लिये ऑनलाइन विद्यालयों का आवंटन भी किया गया था। इतनी सब कवायद के बावजूद स्थानीय प्रशासन की ढिलाई या लापरवाही के चलते शिक्षा माफिया ने छात्रों से अवैध वसूली के नये फंडे इजाद कर लिये हैं। पहले तो शासन की ओर से निर्धारित सभी औपचारिकतायें पूर्ण करने के उपरांत भी दाखिले के समय ‘विद्यालय शुल्क’ के नाम पर प्रति छात्र 15-15 हजार रुपये वसूले गये। मजे की बात तो यह है कि इस शुल्क की विद्यालयों ने कोई रसीद तक नहीं दी है। अभी छात्रों और अभिभावकों के आंसू सूख भी नहीं पाये थे कि शिक्षा माफियाओं ने छात्रों से अवैध वसूली के लिये दूसरी किस्त के तौर पर 6-6 हजार रुपये ‘किट’ के नाम पर जमा करने का फरमान जारी कर दिया है।
जिला विद्यालय निरीक्षक का अतिरिक्त पदभार संभाले बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल से संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु उन्होंने अपना सीयूजी मोबाइल फोन नहीं उठाया।