इंदौर। जनलोकपाल पास करने के लिए दिल्ली में अनशन के दौरान नरेंद्र मोदी के विकास की तारीफ करके राजनीतिक गलियारे में आलोचना का शिकार हुए अन्ना हजारे ने अब कहा है कि वे नरेंद्र मोदी को सांप्रदायिक नहीं मानते। मध्य प्रदेश में जनतंत्र यात्रा के अंतिम दिन बुधवार को इंदौर पहुंचे समाजसेवी अन्ना हजारे ने प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अब तक उन्हें मोदी के सांप्रदायिक होने संबधी कोई सबूत नहीं मिला है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पाíटयों को आड़े हाथ लेते हुए अन्ना ने कहा कि मैं किसी भी पार्टी का पक्षधर नहीं हूं। न कांग्रेस गुणवत्ता पर चल रही है और न ही भाजपा। कोयला घोटाले में भाजपा ने कोई विरोध नहीं किया। वह भी अलग नहीं है। कोयला घोटाले से साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री भी ईमानदार नहीं हैं। सीबीआइ की रिपोर्ट को भी बदला गया। प्रधानमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि जनसंसद यदि जाग जाए तो भ्रष्ट लुटेरी सरकार को नेस्तानाबूद कर सकती है। लोग भूल गए हैं इसलिए उन्हें जगाने के लिए निकलना पड़ा। अन्ना ने कहा कि केंद्र सरकार के 35 में से 15 मंत्री और 163 सांसद दागी हैं। राजगुरु, भगतसिंह और सुखदेव की कसम खाओ कि भ्रष्ट लोगों को वोट नहीं देंगे।
इस तरह असली जनतंत्र आ जाएगा। जनलोकपाल और जनतंत्र के नारे के साथ अन्ना हजारे इंदौर पहुंचे तो करीब दो हजार लोग तिरंगा लिए और अन्ना टोपी पहन उनका समर्थन करने पहुंचे।