दिल्ली: मानसून सत्र शुरू होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने संसद में बहस की जगह बढ़ती जा रही हंगामे की प्रवृत्ति को लोकतंत्र के लिए खतरनाक करार दिया है। इस प्रवृत्ति के खिलाफ सांसदों को होशियार करते हुए उन्होंने कहा कि इससे देश के संसदीय लोकतंत्र के असफल हो जाने का खतरा पैदा हो सकता है।
वहीं मीरा कुमार ने बिहार में मिड डे मिल का जहरीला खाना खाने से हुई बच्चों की मौत पर आक्रोश जाहिर करते हुए इसकी जांच कर दोषियों को कठोरतम सजा देने के लिए राज्य सरकार से कदम उठाने को कहा है।
संसदीय ज्ञानपीठ में एक पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों को हंगामा करने के बदले शब्द की कीमत पहचानने की नसीहत दी।
उन्होंने कहा कि संसद सार्थक और ज्वलंत मुद्दों पर गंभीर बहस की जगह है। इस संस्था की गरिमा बरकरार रखने के लिए सांसदों को हंगामा करने के बदले चर्चा के माध्यम से किसी नतीजे पर पहुंचने का प्रयास करना चाहिए। समारोह हालांकि बच्चों से संबंधित था, मगर लोकसभा अध्यक्ष ने सर्वाधिक चर्चा हंगामे के कारण लगातार भेंट चढ़ रही संसदीय कार्यवाही पर की।
उन्होंने कहा कि लोगों की आकांक्षाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसलिए हमें पहले से और अधिक सतर्क रहना होगा। अनेक देशों की संसदीय प्रणाली लोगों की बढ़ती अपेक्षाओं के अनुरूप न चल पाने के कारण असफल हो गई।
मीरा ने कहा कि संसद जन आकांक्षाओं को मूर्त रूप देने की सर्व शक्तिशाली संस्था है। मतदाताओं का प्रतिनिधि होने के नाते सांसद इस संस्था की महत्ता को बनाए रखें। वे समझें कि शब्द की ताकत जुबान की ताकत से ज्यादा शक्तिशाली है। फिर यह निर्विवाद सत्य है कि संसद गंभीर मसलों पर गंभीर चर्चा के माध्यम से किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।
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इस दौरान मीरा ने संसद की आलोचना करने वालों की भी खबर ली। उन्होंने कहा कि महज आलोचना करने के लिए किसी संस्था की आलोचना करना उचित नहीं है। ऐसा करने वालों को समझना होगा कि कोई भी देश संस्थाओं के बिना नहीं चल सकता।
उल्लेखनीय है कि 15वीं लोकसभा ने हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही ठप करने के सारे कीर्तिमान ध्वस्त कर दिए हैं। बीते तीन चार सत्र में तो संसद का ज्यादातर समय हंगामे में जाया हो गया। यही कारण है कि मानसून सत्र शुरू होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामे की प्रवृत्ति की न केवल तीखी आलोचना की, बल्कि सांसदों को नसीहत देने में भी कोताही नहीं बरती।