लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती अपनी शाहखर्ची के लिए विख्यात हैं, लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शाहखर्ची में माया को भी मात दे दी है। अखिलेश ने एक साल में अपने आवास के रखरखाव पर मायावती की तुलना में दोगुना खर्च किया है। आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है।
आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने चार अप्रैल को मुख्यमंत्री सचिवालय के जनसूचना अधिकारी से वित्तवर्ष 2011-12 एवं 2012-13 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा अपने आवास के रखरखाव पर राजकोष से खर्च की गई राशि की वर्षवार जानकारी मांगी थी। वित्तवर्ष 2011-12 में मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं और वित्तवर्ष 2012-13 में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के उपसचिव एवं जनसूचना अधिकारी सुनील कुमार पांडेय ने उर्वशी का पत्र उत्तर प्रदेश शासन के राज्य संपत्ति विभाग को अंतरित किया। इसके बाद राज्य संपत्ति विभाग के संयुक्त सचिव एवं जनसूचना अधिकारी राज कुमार सिंह ने यह पत्र अधिशासी अभियंता, अनुरक्षण खंड, लोक निर्माण विभाग (लखनऊ) को अंतरित कर दिया।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
इसके बाद अधिशासी अभियंता, अनुरक्षण खंड-2 (सिविल), लोक निर्माण विभाग, लखनऊ ने उर्वशी को 15 जून के पत्र के माध्यम से जो सूचना दी है उसके मुताबिक वित्तवर्ष 2011-12 में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल के दौरान उनके आवास की सामान्य मरम्मत पर दो लाख रुपये खर्च किए और 21 लाख 20 हजार रुपये का मूल कार्य कराया, जबकि इसके मुकाबले मौजूदा मुख्यमंत्री अखिलेश ने अपने कार्यकाल में अपने आवास की सामान्य मरम्मत पर एक लाख 95 हजार रुपये खर्च किए और 41 लाख 73 हजार रुपयों का मूल कार्य कराया, वह भी तब, जब वित्तवर्ष 2011-12 में 15 मार्च 2012 से 31 मार्च 2012 तक अखिलेश ही मुख्यमंत्री थे और वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान कुछ खर्च अखिलेश द्वारा किया गया हो सकता है।
उर्वशी ने कहा कि इससे यह भी साबित होता है कि उत्तर प्रदेश की जनता द्वारा 2012 में किए गए सत्ता परिवर्तन से जनप्रतिनिधियों के चेहरे तो बदल गए, पर नए जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली नहीं बदली, बल्कि और बदतर हो गई है। यही कारण है कि नए जनप्रतिनिधियों द्वारा जनता के पैसों की इस प्रकार की बबार्दी आज भी बदस्तूर जारी है।