SHAMSHABAD (FARRUKHABAD) : गंगा की बाढ़ का कहर इस कदर ग्रामीणों पर टूटा है कि फसलें, घर नष्ट होने के साथ ही लोग बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं। तेज बुखार से जमुनिया नगला की एक 25 वर्षीय महिला की मौत हो गयी। वहीं खराब घास इत्यादि खाने से पशुओं में भी बीमारी फैल गयी। पशुओं ने चारा खाना छोड़ दिया।
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शमसाबाद क्षेत्र के ग्राम जमुनिया नगला निवासी 25 वर्षीय रेनू पत्नी शौकीन की तेज बुखार में इलाज के अभाव में मौत हो गयी। वहीं इसी गांव के हवलदार, कश्मीर सिंह, बंटी, नरेशचन्द्र, सीपी सिंह, सुुगंध, किशोर, गुड्डू, रुचि, संजीव राजीव, अखिलेश रूबी भी हैजा उल्टी दस्त खांसी, जुकाम बुखार इत्यादि बीमारियों से पीडि़त हैं। लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई भी स्वास्थ्य टीम नहीं भेजी गयी। इस सम्बंध में जब शमसाबाद स्वास्थ्यकेन्द्र के चिकित्सा प्रभारी प्रभात वर्मा से बात की गयी तो उन्होंने घटना की जानकारी होने से इंकार कर दिया।
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बाढ़ के पानी में घुसकर शौच के लिए गयी पांच वर्षीय बच्ची शांतीदेवी पुत्री महेन्द्र की डूबकर मौत हो गयी। साथ गये बच्चों ने इसकी सूचना उसके परिजनों को दी तब जाकर बच्ची के शव को बाहर निकाला गया।
वहीं क्षेत्रीय ग्रामीणों के अनुसार बाढ़ प्रभावित खेतों की घास व हरा चारा खाने से पशु भी बीमार हो गये हैं। कई पशुओं ने चारा खाना छोड़ दिया है। जिससे आने वाले दिनों में पशुओं में भी बीमारी गंभीर हो सकती है। ग्रामीणों ने पशुओं के टीकाकरण की मांग की है।
शमसाबाद क्षेत्र के गांव सादौसराय में गंगादीन का मकान गंगा जी की बाढ़ में कट गया। वहीं गांव मुन्शी नगला, बांस खेड़ा, नगला गढ़ी, वाजिदपुर, सैदपुर चित्तौर, जमुनियन नगला, कमथरी इत्यादि गांवों में बाढ़ का पानी कहर ढाये हुए है।