FARRUKHABAD : गंगा व रामगंगा की बाढ़ से घिरे लोगों की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। बीते एक माह से बाढ़ की विभीषिका झेल रहे ग्रामीणों को एक बार फिर भारी सैलाव का सामना करना पड़ सकता है। बीते दिन से लगातार नरौरा बांध से छोड़े जा रहे पानी से बाढ़ की विभषिका बढ़ती जा रही है। शनिवार को गंगा का जल स्तर चेतावनी बिन्दु पार करके 136.80 मीटर पर पहुंच चुका है। जिससे तटीय ग्रामों में एक बार फिर खलबली मच गयी।
गांवों में पानी भर जाने से लोगों के बैठने तक को जगह नहीं बची है। कई ग्रामों के लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया है। जनपद के गंगा व रामगंगा की तलहटी में बसे लगभग 200 गांवों के लोग बाढ़ से प्रभावित है। जिनकी आर्थिक स्थिति के साथ-साथ मानसिक स्थिति भी काफी बिगड़ चुकी है।
शमसाबाद क्षेत्र के ग्राम महमदपुर, मीरगंज, गंडुआ, अकाखेड़ा, सादौसराय, कुआंखेड़ा बजीर आलम, सुल्तानगंज खरेटा इत्यादि में पानी भर चुका है। लोग अपने घरों तक पहुंचने के लिए कमर तक पानी में घुसकर जा रहे हैं। जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन गांवों में यदि कोई बीमार पड़ जाये तो उसे प्राथमिक उपचार तक मिलना मुस्किल पड़ रहा है। लेकिन प्रशासन की तरफ से बाढ़ चैकियां स्थापित करने के नाम के अलावा और कोई व्यवस्था अभी तक नहीं की गयी है।
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शनिवार को नरौरा बांध से गंगा में 110795 क्यूसेक पानी फिर छोडे जाने से सोमवार तक हालात और भी खराब होने के आसार जताये जा रहे हैं। लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि पानी धीरे धीरे छोड़े जाने से हालात हो सकता है कि काबू में बने रहें। यदि अभी हाल फिलहाल बारिश न हुई तो कुछ गांवों के लोग पलायन से बच जायेंगे। यदि इस बीच झमाझम बारिश हो गयी तो ग्रामीण अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हो जायेंगे।