फर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा परिषद (बेसिक बोर्ड) अपने स्कूलों को जरूरी संसाधन व शिक्षक भले ही मुहैया न करा पा रहा हो परंतु शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए स्कूलों के निरीक्षण का कोटा तय कर दिया है। अब खंड शिक्षा अधिकारियों (एबीएसए) को माह में कम से कम 40 स्कूलों का निरीक्षण करना होगा।
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सालाना अरबों रुपया खर्च होने के बावजूद वातावरण, स्वच्छता व पढ़ाई का स्तर ठीक न होने से बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों से अभिभावकों का मोह टूट रहा है। शिकायतें मिल रही हैं कि तमाम शिक्षक समय से स्कूल नहीं जाते। बच्चे मिडडे मील खाकर भाग जाते हैं। कई शिक्षक अपने स्थान पर दूसरे शिक्षकों को रख कर पढ़ाई करवा रहे हैं। कभी कभी स्कूल जल्दी बंद कर दिए जाते हैं। स्कूलों की दशा व दिशा सुधारने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने उनके व्यापक निरीक्षण का कार्यक्रम तैयार किया है। निदेशक वासुदेव यादव के मुताबिक हर स्कूल का औसतन माह में दो बार निरीक्षण हो सकता है। अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। वे अपने उच्चपदस्थ अधिकारी को निरीक्षण आख्या प्रस्तुत करेंगे। बीएसए आख्या के अनुसार सुधार की कार्यवाही करेंगे तथा शासन को अवगत कराएंगे। निदेशक ने मंडलवार बैठकें करनी शुरू की हैं। वाराणसी व मिर्जापुर में बैठकें हो चुकी हैं।
यह है निरीक्षण कोटा
एबीएसए :
सप्ताह में : 10 स्कूल
माह में : 40 स्कूल
बीएसए
माह में न्यूनतम : 10 स्कूल
निरीक्षण के बिंदु :
स्कूल भवन की स्थिति। परिसर की स्वच्छता, शिक्षकों व बच्चों की उपस्थिति, पढ़ाई का स्तर, खेलकूद, मिडडे मील, पुस्तक वितरण, यूनीफार्म वितरण, मासिक टेस्ट की स्थिति। पर्यावरण सुरक्षा आदि।