FARRUKHABAD : पैसे के लिए रिश्तों और संवेदनाओं को दरकिनार कर व्यक्ति कितना खुदगर्ज हो सकता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बेटे की असमय मौत के बाद मिलने वाले मोटे मुआवजे के लालच में सास ने अपनी युवा बहू को तलाकशुदा बता दिया और इसके लिए फर्जी दस्तावेज तक बनवाने से पीछे नहीं रही। हद तो यह है कि अब जिला प्रशासन के अधिकारी भी विधवा से ही उसके तलाकशुदा न होने के प्रमाण तलब कर रहे हैं।
फतेहगढ़ के सिविल लाइन्स निवासी मर्चेंट नेवी में नौकरी कर रहे इलेक्ट्रिकल इंजीनियर सैय्यद शकील अहमद की सिंगापुर में दो वर्ष पूर्व मौत हो गयी। कंपनी की ओर से मुआवजे का पत्र प्राप्त होते ही शकील की मां ने अपनी विधवा बहू को तलाकशुदा बताकर मुआवजे पर दावा कर दिया। इतना ही नहीं अपने दावे के समर्थन में शकील की मां फातिमा बेगम ने बहू के तलाकशुदा होने के फर्जी हलफनामे और तथ्यों को छिपाकर हासिल किये गये एक फतवे की कापी भी लगा दी। मामले की जानकारी होने के बाद शकील की विधवा याशमीन ने इस सम्बंध में अपनी आपत्ति दाखिल की तो मामला जिला प्रशासन के पास जांच के लिए आ गया। याशमीन ने अपनी आपत्ति के साथ काजी और पड़ोसियों के हलफनामे के अलावा तलाक न होने के हलफनामे भी लगाये। सरियत के अनुसार कानूनी रूप से तलाक न होने की स्थिति में पति के साथ कम से कम दो गवाहों की गवाही आवश्यक होती है। ऐसे में पति की मृत्यु के बाद तलाक का प्रमाण बन ही नहीं सकता।
[bannergarden id=”11″]
इधर मामले की जांच सिंगापुर स्थित भारतीय उच्चायोग से जिलाधिकारी को भेज दी गयी है। फिलहाल जांच तहसीलदार सदर राजेन्द्र चौधरी के पास पड़ी है और अब श्री चौधरी विधवा याशमीन से उसके तलाकशुदा न होने के प्रमाण मांग रहे हैं।