Sunday Special: नदीम फारूकी हो सकते है सपा जिलाध्यक्ष!

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Kingफर्रुखाबाद: समाजवादी पार्टी की टिकेट बदलने के बाद सियासी गलियारों में बस सपा के नए प्रत्याशी रामेश्वर यादव के चुनाव लड़ने और उसके साइड एफेक्ट पर ही चर्चा हो रही है| कई जुमले जो आम जनता से लेकर सपा सहित अन्य दलों में चर्चा बने, वो कुछ ऐसे थे-
1- टिकेट तो बदला जाना ही था| आखिर सलमान खुर्शीद के सामने किसी कद्दावर को चुनाव लडाना और जीत दिलाना मुलायम सिंह के लिए बहुत जरुरी है|
2- टिकेट कटता नहीं, बाप बेटे दोनों को अभिमान भी बहुत हो गया था| किसी नाराज तक को मनाना तो दूर बात करने की पहल तक न कर रहे थे|
३- टिकेट अभी फिर बदला जायेगा|
४- वे तो हारते ही ये बुरी तरह हारेंगे|
५- अब दबंगई होगी|
५- कैसे भी हो नरेन्द्र बाबू बुरा किसी का नहीं करते|
६- वैसे बाहरी फर्रुखाबाद में खप नहीं पायेगा| नरेश जैसे कद्दावर को बैरंग वापस भेज दिया|
७- सलमान की जीत का रास्ता साफ़ हुआ|
८- नरेन्द्र सलमान या बसपा के भदोरिया को लड़ायेंगे|
९- भाजपा का प्रत्याशी घोषित होने से पहले कुछ भी कहना मुश्किल है|
१०- नरेन्द्र को एक विधान सभा में नुक्सान (अलीगंज) में होता रामेश्वर को कम से कम तीन (भोजपुर, अम्रतपुर, फर्रुखाबाद सदर) में तो होगा ही|
11- सपा में सबसे पहले सन्गठन बदला जायेगा| वर्तमान जिलाध्यक्ष तो नरेन्द्र के आदमी है| रामेश्वर अपने हिसाब से ….|
१२- पूरा सन्गठन बदलेगा केवल जिलाध्यक्ष नहीं|
१३- अब जिलाध्यक्ष के लिए संघर्ष होगा|
१४- निरे लगे है जिलाध्यक्ष बनन के ले लाइन में|
१५- जिलाध्यक्ष नदीम बनेंगे मुसलमान वोट साधने के लिए| रामेश्वर के सम्पर्क में भी है और नजदीकी सम्बन्ध भी| रामेश्वर के निजी सलाहकार समझो|
१६- हमारी जीत तय समझो- बसपा
१७- लिस्ट देखी, २७ मुकदमो की| सुना है बसपा वाले फोटो कॉपी बाटेंगे|
१८- भैया इक्क्ल्ले नहीं चलते वे| जैसे गाँव में छप्पर छवाने के लिए लोग जाते है वैसे चलते है| और काम पूरा होने तक लौटते नहीं|
१९- आवास विकास में कोठी तलाश रहे है| राकेश को जिम्मेदारी मिली है|
२०- देखो अब किसकी चले?

ऐसी ही चर्चाओ के साथ शाम हो गयी| सचिन खेमे के लोग अलग जुगलबंदी कर रहे है| रामेश्वर खेमे (नरेन्द्र विरोधी) के लोग मिठाई बाट रहे| मगर जिन्हें मिली और जिनकी कटी उनका कोई बयान नहीं आया| रविवार को कुछ ज्यादा की उम्मीद न करे| सोमवार को रामेश्वर के आगमन के साथ कुछ सुर्खिया मिलेंगी|

(ये झलकियाँ आम जनता की बातचीत का हिस्सा है| इस का लेखक और प्रकाशक से कोई लेना देना नहीं)