लखनऊ: गांव-देहात में तैनाती के दौरान अक्सर समय पर जानकारी न मिल पाने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से बच निकलने वाली आशा बहुओं व एएनएम पर अब क्लोज यूजर ग्रुप (सीयूजी) मोबाइल निगरानी रखेगा।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए इस योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश से की जा रही है।
इसके तहत सूबे में कार्यरत 1.40 लाख आशा बहुओं व एएनएम को सीयूजी मोबाइल सेवा से लैस किया जाएगा।
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बीएसएनएल बांटेगा हैंडसेट और नंबर
केंद्र सरकार द्वारा पोषित इस योजना के लिए बीएसएनएल को नोडल एजेंसी नामित कर मोबाइल हैंडसेट उपलब्ध कराने व सीयूजी नेटवर्क तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
बीएसएनएल पूर्वी परिमंडल के अधिकारियों का दावा है कि वे सीयूजी श्रेणी के 1.40 लाख मोबाइल हैंडसेट अक्तूबर तक एनआरएचएम मिशन डायरेक्टर को उपलब्ध करा देंगे।
हर किसी को मिलेगा सीयूजी
ये हैंडसेट जिले, ब्लॉक, तहसील व ग्राम पंचायतों में तैनात प्रत्येक आशा बहू व एएनएम को चरणबद्ध स्तर पर वितरित किए जाएंगे। एनआरएचएम अधिकारियों का मानना है कि सीयूजी नेटवर्क से जुड़ने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही पर लगाम कसना आसान होगा।
होगा 25 करोड़ रुपये का भुगतान
इसमें होने वाले 25 करोड़ का भुगतान एनआरएचएम से किया जाएगा। पहले चरण में बीएसएनएल को 18 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। सितंबर तक एनआरएचएम मिशन डायरेक्टर को मोबाइल सेट देने का कार्य शुरू हो जाएगा।