आयकर विभाग अब पैन (परमानेंट एकाउंट नंबर) कार्ड जारी करने के लिए जन्मतिथि प्रमाण पत्र को अनिवार्य रूप से मांगे जाने पर विचार कर रहा है। फर्जी पैन नंबरों और उसमें पाई गई गड़बड़ियों के मद्देनजर यह कदम उठाया जा रहा है। जल्द ही इस बारे में एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दी जाएगी, ताकि नए आवेदनों में इसे लागू किया जा सके।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, ‘विभाग पैन कार्ड जारी के लिए जन्मतिथि प्रमाणपत्र मांग सकता है। हो सकता है कि पैन कार्ड जारी करने के लिए अब पहचान और पते के सबूत के तौर पर राशन कार्डों और रेंट की रसीदों को स्वीकार न किया जाय।’
विभाग जल्द ही पैन वेरीफिकेशन के लिए एक निर्धारित खाका लागू करेगा, जो इस व्यवस्था को और मजबूत और सरल बनाएगा।
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अधिकारियों के अनुसार धोखाधड़ी के मामलों में फर्जी राशन कार्डों और रेंट की रसीदों के आधार पर लोग पैन कार्ड हासिल कर लेते हैं।
अभी तक बैंक खाते स्टेटमेंट या पासबुक, राशन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आइडेंटिटी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, प्रापर्टी टैक्स एसेसमेंट आर्डर और कुछ दूसरे दस्तावेज पहचान और पते के प्रमाण के तौर पर मान्य होते रहे हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में इस समय 17 करोड़ लोगों के पास पैन कार्ड है, जिसमें से केवल तीन करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं।