लखनऊ : अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं एएल बनर्जी ने अलीगढ़ में सपा विधायक और पुलिस लाइन में तैनात प्रतिसार निरीक्षक (आरआइ) के बीच हुए विवाद की जांच रिपोर्ट मंगलवार की देर शाम शासन को सौंप दी। दस पन्ने की जांच रिपोर्ट के साथ एडीजी ने शिकायती दस्तावेजों और अन्य साक्ष्यों के करीब साठ पन्ने शासन को सौंपे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में उन्होंने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाये हैं। हालांकि उन्होंने कमोवेश सबकी गलतियां भी गिनाई है।
सपा विधायक राकेश सिंह और आरआइ के बीच हुए विवाद में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का अहंकार टकराने से इस मामले ने तूल पकड़ लिया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले की उच्च स्तरीय जांच एडीजी बनर्जी को सौंपी। बनर्जी ने मौके पर जाकर सभी पक्षों के बयान लिए। उन्होंने सम्बंधित गवाहों और शिकायतकर्ताओं के बयान की वीडियोग्राफी भी कराई। सूत्रों के मुताबिक बनर्जी ने इस पूरे प्रकरण की सूक्ष्म जांच की और निष्कर्ष भी दिया है। उन्होंने शासन द्वारा अपेक्षित सभी बिन्दुओं पर अपने मंतव्य दिए हैं और अलीगढ़ की पुलिसिया कार्यप्रणाली को पूरी तरह रेखांकित किया है।
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ध्यान रहे कि बार-बार अंगरक्षक बदलने को लेकर अलीगढ़ पुलिस लाइन में तैनात आरआइ शब्बीर अहमद और अलीगढ़ जिले के छर्रा सीट से विधायक राकेश कुमार सिंह के बीच शनिवार को विवाद हो गया था। आरोप है कि विधायक ने अपने समर्थकों के साथ पुलिस लाइन जाकर आरआई के साथ मारपीट की। आरआइ की शिकायत पर विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया, जबकि डीआइजी के निर्देश पर आरआइ को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद एसएसपी और डीआइजी के बीच इस मसले को लेकर इगो की लड़ाई शुरू हो गयी। सूत्रों का कहना है कि जांच रिपोर्ट में एडीजी ने सभी बिन्दुओं को शामिल किया है। इस विषय पर पूछे जाने पर एडीजी एएल बनर्जी ने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह गोपनीय जांच थी, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने शासन को सौंप दी है। इस पर कोई भी जानकारी शासन ही दे सकता है।