परिषदीय विद्यालय खुले, बच्चों को नहीं मिलीं किताबें

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FARRUKHABAD : शासन की लाख कोशिशों के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद का शिक्षण सत्र सोमवार से प्रारंभ हो गया है परन्तु बच्चों को बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा की गयी घोषणा के मुताबिक निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें पहले दिन नहीं मिल सकीं। संभावना है कि अभी तक जब ब्लाक मुख्यालयों से तथा न्याय पंचायत स्तर पर भी सम्पूर्ण किताबें नहीं पहुंचीं हैं तो यह कहना मुस्किल है कि एक दो सप्ताह में भी बच्चों के बस्तों में किताबें पहुंच सकेंगी। जिला मुख्यालय पर नरेन्द्र सरीन मान्टेसरी स्कूल में पाठ्यपुस्तकों का बनाया गया गोदाम में अभी तक 66 प्रकार की पुस्तकों में से 20-22 प्रकार की किताबों की आपूर्ति हो पायी है एवं उनका सत्यापन गठित टीम द्वारा किया जा चुका है। परन्तु विभागीय अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते सत्यापित पुस्तकों को भी विद्यालय में नहीं भेजा जा सका है।

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विदित हो कि प्राइमरी विद्यालयों में निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों के वितरित होने का अपना रिकार्ड रहा है। निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें शिक्षण सत्र समाप्त होने तक बंटती रहती हैं। जिससे किताबें न मिलने से कई छात्रों का तो भविष्य ही चैपट हो जाता है। जिसको गंभीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री ने इस बार आदेश जारी किये थे कि प्राइमरी विद्यालयों में शघ्र ही किताबें वितरित करवा दी जायें। जिससे शिक्षा का स्तर सुधारा जा सके। लेकिन शिक्षा मंत्री की बात को धता बताते हुए सोमवार को पहले ही दिन जनपद के प्राइमरी विद्यालयों के बच्चे बिना किताबों के ही स्कूल पहुंचे। संभावना जतायी जा रही है कि अभी दो सप्ताह तक पूरी किताबें नहीं उपलब्ध कराई जा सकेगी।

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