आई शामत: भ्रष्टाचार में फसे मंत्रियो पर जल्द सुनवाई के लिए विशेष न्यायालयों का गठन

Uncategorized

लखनऊ : आय से अधिक सम्पत्ति और भ्रष्टाचार के मामलों में सतर्कता विभाग की जांच में फंसे पूर्व मंत्रियों के मुकदमों में जल्द सुनवाई होने के आसार हैं। शासन ने खासतौर पर इन सभी पूर्व मंत्रियों के मुकदमों की जल्द सुनवाई के लिए ही विशेष अदालतों के गठन की प्रक्रिया शुरू की है। इनमें दो पूर्व मंत्रियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की शासन से संस्तुति मिल चुकी है, जबकि एक पूर्व मंत्री के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति की अंतिम प्रक्रिया चल रही है। छह अन्य पूर्व मंत्रियों पर भी सतर्कता विभाग का शिकंजा कसने लगा है।
corruption
भ्रष्टाचार और आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में बसपा सरकार के नौ मंत्रियों की जांच कर रहे सतर्कता विभाग ने अभियोजन के सिलसिले में सक्रियता बढ़ा दी है। सतर्कता विभाग की जांच की जद में पूर्व मंत्री बादशाह सिंह, रंगनाथ मिश्र, अवधपाल सिंह यादव, राकेश धर त्रिपाठी, रामअचल राजभर, चन्द्रदेव राम यादव, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामवीर उपाध्याय और बाबू सिंह कुशवाहा हैं। असल में राज्य सरकार ने राजनेताओं और अधिकारियों के भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई के लिए 22 विशेष न्यायालयों के गठन की कार्रवाई शुरू की है और 22 न्यायाधीशों समेत कुल 242 पद मंजूर कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाकर अखिलेश सरकार घोषणा पत्र में किये गये अपने वायदे को पूरा करने का संदेश देना चाहती है। शासन से सतर्कता विभाग को इस बात की हिदायत मिल चुकी है कि वह पूर्व मंत्रियों की जांच और अभियोजन की प्रक्रिया प्राथमिकता पर रखे। मार्च से सतर्कता विभाग ने बसपा सरकार के पूर्व मंत्रियों के खिलाफ खुली जांच, विवेचना और अभियोग पंजीकृत करने का काम शुरू किया है।

[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
विवेचना के बाद सौंपी गयी आख्या के आधार पर पूर्व मंत्री बादशाह सिंह और अवधपाल सिंह यादव के खिलाफ सतर्कता विभाग को आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति मिल चुकी है। रंगनाथ मिश्र की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। बहुत जल्द अनुमति मिलने की उम्मीद है। पूर्व परिवहन मंत्री रामअचल राजभर की विवेचना पूरी हो गयी है। चन्द्रदेव राम और राकेश धर त्रिपाठी के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कर तेजी से विवेचना चल रही है। सूत्रों के मुताबिक जुलाई के दूसरे पखवारे में सतर्कता विभाग इनके खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति मांगेगा। नसीमुद्दीन सिद्दीकी और रामवीर उपाध्याय के साथ ही राकेश धर त्रिपाठी ने भी अदालती दांव-पेंच शुरू कर दिया है। पर सतर्कता विभाग के सूत्रों का कहना है कि अदालत में साक्ष्यों के आधार पर वह अपनी बात मजबूती से रख रहे हैं। बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ शासन ने से जल्द मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मिलने की उम्मीद है।