फर्रुखाबाद: पड़ोस के स्कूल में महंगी फीस नहीं दे पाने के कारण अगर आप बच्चे का प्रवेश नहीं करा पाए हैं तो इस बार प्रवेश के लिए तैयार हो जाएं। स्कूल संचालक भी आपके बच्चों का प्रवेश खुशी खुशी लेंगे। शासन ने स्पष्ट कर दिया है अलाभित एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों की फीस शासन अदा करेगा। इसके लिए प्रमुख सचिव द्वारा निर्देश जारी कर दिए हैं। हर स्कूल को कम से कम 25 फीसद अलाभित एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों का कक्षा एक में प्रवेश लेना होगा। प्रमुख सचिव द्वारा जारी पत्र में कहा है इन छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति शासन स्तर से होगी। हालांकि इसके लिए भी एक सीमा तय कर दी है। अधिकतम 450 रुपये प्रति माह की दर से छात्रों को शुल्क का भुगतान होगा यानी अगर किसी स्कूल की महीने की फीस 250 या 300 रुपये है तो उसे 250 रुपये और 300 रुपये ही मिलेंगे। यूपी सरकार अधिकतम 450 रुपये प्रतिमाह तक का शुल्क देगी। 450 रुपये से ज्यादा शुल्क शासन द्वारा नहीं दिया जाएगा।
प्रमुख सचिव द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि स्कूलों के संचाल को 30 जुलाई तक छात्रों का प्रवेश लेने के बाद में इसका ब्योरा मुहैया कराना होगा। शासन द्वारा निर्धारित प्रपत्र पर छात्रों के प्रवेश संबंधी ब्यौरा देने के साथ में शुल्क प्रतिपूर्ति का मांगपत्र भी शासन को स्कूलों के द्वारा भेजा जाएगा। नजदीकी स्कूल यानी वार्ड में रहने वाले छात्रों का प्रवेश ही मान्य होगा। वहीं अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने का अधिकार जिला बेसिक शिक्षाधिकारी का रहेगा।