एक सपा नेता की ‘गुंडागर्दी’, प्रशासन भी नतमस्तक

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फ़ैजाबाद: इसे सत्ता की हेकड़ी कहें या प्रशासन की कमजोरी। प्रभारी सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश प्रसाद मिश्र जहां भयवश बीवी-बच्चों के साथ आवास में कैद रहे, वहीं आरोपी सपा के घोषित लोकसभा प्रत्याशी तिलकराम वर्मा सरेआम धमकाते फिर रहे हैं। शनिवार को उन्होंने कहा कि ‘मेरे खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की हिम्मत किसी में नहीं है।’ इस मामले में कार्रवाई की जगह वर्मा की गुंडागर्दी के आगे प्रशासन भी नतमस्तक नजर आया।

एसएसपी ने डीएम के आदेश के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। घटना को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों ने सपा प्रत्याशी की गुंडागर्दी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। शनिवार को तिलकराम वर्मा ने फोन पर बातचीत में कहा कि पिछड़ा वर्ग सम्मेलन 28 जून को है, इसके प्रभारी बस्ती के विधायक रामललित चौधरी के नाम पर कक्ष संख्या 3 का आवंटन हुआ है।

वे चाहते थे कि उन्हीं के बगल का कक्ष संख्या 4 उनके नाम पर आवंटित हो लेकिन प्रभारी सिटी मजिस्ट्रेट ने डीएम के आदेश के बावजूद उन्हें सिंचाई डाक बंगले में कमरा दे दिया। वर्मा ने बेहद तल्ख शब्दों में कहा कि ‘एक सिटी मजिस्ट्रेट की इतनी हिम्मत कैसे हुई कि मेरा कमरा बदल दिया।’ उन्होंने आरोप लगाया कि करीब चार साल से जमे इस अधिकारी की सोच पूरी तरह बसपाई है और उसने साजिश के तहत कमरा नहीं दिया ताकि कार्यक्रम प्रभावित हो।

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तिलकराम ने कहा कि उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार मिश्र को साफ चेतावनी दी है कि बसपाई सोच नहीं बदलेंगे तो दिमाग ठीक कर दिया जाएगा।

मामले में समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद ने कहा कि सपा के घोषित लोकसभा प्रत्याशी तिलकराम वर्मा के खिलाफ लगाए गए सिटी मजिस्ट्रेट के आरोपों की जांच चल रही है, आरोप सही साबित हुए तो नि:संदेह सख्त कार्रवाई होगी।