FARRUKHABAD : उत्तराखण्ड में आयी भीषण तबाही में जनपद के सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। जनपद से ही 9 जून को अपने भक्तों के साथ गये बाबा बालकदास सलामत वापस लौट आये। उन्होंने बताया कि तबाही के समय वह गौरीकुण्ड में थे। जैसे तैसे पहाड़ों से होकर सेना की मदद से उन्होंने जान बचा पायी।
[bannergarden id=”11″]
बाबा सुनीलदास मौनी के साथी महावीर दास जी, महेश शुक्ल, ओमतोष, चालक अतुल शर्मा, चन्द्रपाल, गंगा देवी के अनुसार वह 9 जून को घर से अपनी सफारी गाड़ी यूपी 76पी, 6573 से केदारनाथ व बद्रीनाथ तीर्थ के लिए गये थे। 15 जून को तबाही के समय गौरीकुण्ड में फंस गये। उनकी सफारी पार्किंग में मलवे में दब गयी। वह अपने सातों साथियों के साथ चार दिन तक पैदल पहाड़ों पर चलते रहे। सैनिकों ने पहाड़ों से रस्सों द्वारा उतार कर उनकी जान बचायी। जहां से ट्रेन द्वारा वह शाहजहांपुर आये, शाहजहांपुर से निजी वाहन से जनपद में सही सलामत आ गये। आश्रम पहुंचने पर ग्राम कंचनपुर सबलपुर के प्रधान राम बरन वर्मा ने स्वागत किया1 विदित हे कि बाबा जी उन्हीं की सफारी से चारधाम की यात्रा पर गये थे। अचानक आये सैलाब में सफारी के बह जाने की आशंका है।
[bannergarden id=”8″]