गंगा की बाढ़ से दर्जनों ग्राम अस्तित्वहीन होने के कगार पर, ग्रामीण घर छोड़ने को तैयार नहीं

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KAIMGANJ (FARRUKHABAD) : नरौरा बांध से छोड़े गये पानी ने कायमगंज क्षेत्र की गंगा कटरी में बसे तटीय गांवों में अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू किया। बाढ़ की विभीषिका से जहां सुतिहार गांव पूरी तरह वीरान बन चुका है,वहीं कुछ ग्रामों में पानी अंदर तक घुस गया है। और कुछ गांव चपेट में आने के मोहाने पर खड़े हैं। लेकिन फिर भी ग्रामीण घरों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।

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बाढ़ की विभीषिका के मंजर का आलम ग्रामीणों के लिए तबाही का कारण बनता जा रहा है। आज उपजिलाधिकारी बीडीवर्मा व तहसीलदार रामजी ने राजस्व कर्मियों की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौराकर बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया। सुतिहार गांव लगभग गंगा की धारा में विलीन हो चुका है। प्रशासन ने यहां के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है। जबकि निजामुद्दीनपुर एवं खानआलमपुर गांव के अंदर पानी घुस गया है। वहीं कासिमपुर तराई,सुल्तानगंज खरैटा,कुंआखेड़ा,अहमदगंज,आदि कुछ अन्य गांव तथा मजरों के पास तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। यदि जलस्तर थोड़ा और बड़ा तो इन सभी ग्रामों में पानी घुसने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे उपजिलाधिकारी के निर्देश एवं आग्रह के बावजूद भी खतरे के मुहाने पर पहुंचे बहुत से ग्रामीण गांव छोडऩे को तैयार नहीं हो रहे है। खानआलमपुर से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। किन्त्ुा फिर भी इस गांव में दस लोग समाचार लिखे जाने तक गांव छोडऩे को तैयार नहीं थे।

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16 बाढ़ चौकियों पर 6 नावों से होगी सुरक्षा
बाढ़ से बचाव के लिए प्रशासन ने छ:नावों एवं सोलह बाढ़ चौकियों की व्यवस्था करने के साथ ही अति संवेदनशील ग्रामों के पास तटबंध बहुत जल्दी तैयार करने के निर्देश दिये हैं। बाढ़ की तबाही में फंसे लोगों को निकालने के लिए छ:नावें सहायता के लिए आ चुकी हैं। साथ ही सोलह बाढ़ चौकियों पर तैनात किये गये कर्मचारियों को पूरी सर्तकता के साथ हर समय चौकियों पर ही रूकने का आदेश दिया गया है। वहीं लोगों को ठहरने के लिए प्रशासन ने कई सुरक्षित स्थानों पर शरणालय कैम्प बनाये हैं। वहीं बाढ़ प्रभावित गांव नियामतपुर भुकसी के मजरा निजामुद्दीनपुर,कासिमपुर तराई आदि संवदेनशील ग्रामों को बाढ़ के प्रकोप से बचाने के लिए तत्काल तटबंध बनाये जाने की व्यवस्था की है।