डाकबंगले में सपाइयों का नंगनाच, मंत्री को बनाया ‘फिरकैया’

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फर्रुखाबाद: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए घोषित पार्टी प्रत्याशी मंत्री नरेन्द्र सिंह यादव के पुत्र सचिन यादव के जीतने की संभावनाओं का आंकलन करने आये प्रेक्षक के सामने ही सपा की गुटबाजी खुलकर सामने आ गयी। फतेहगढ़ स्थित डाक बंगले में सपाइयों ने प्रेक्षक के सामने ही जमकर नंगनाच किया। प्रेक्षक से अकेले में वार्ता करने से रोके जाने पर पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत के पुत्र की जिलाध्यक्ष से खींचतान तक हो गयी। यहां तक कि पंचशील ने राजकुमार सिंह राठौर को डाक बंगले से बाहर निकलने तक की चुनौती दे डाली। दोनो गुटों की खींचतान के बीच फंसे पार्टी प्रेक्षक प्राविधिक शिक्षा राज्य मंत्री आलोक शाक्य फिरकी की तरह नाचते नजर आये। श्री शाक्य अपने दो दिवसीय दौरे पर आज ही यहां पहुंचे हैं।
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दोपहर तकरीबन 11 बजे मोहम्मदाबाद पहुंचे मंत्री आलोक शाक्य भ्रमण करते हुए जैसे ही डाक बंगले आये तो पहले उन्होंने कार्यकर्ताओं को खुले मैदान में चौपाल लगाकर सम्बोधित किया। चौपाल में अपने भाषण के दौरान नगर अध्यक्ष महताब खां ने मंत्री को स्पष्ट रूप से कह दिया था कि वह खुले में सभा करने के विरोध में हैं और कहा कि कुछ बसपाई मुख्य रूप से हर कार्यक्रम में आगे आगे चल रहे हैं। जो उन्हें व उनके समर्थकों को पसंद नहीं है। जिसके बाद मंत्री आलोक शाक्य ने बंद कमरे के अंदर वार्ता करने की हामी भर दी और मंत्री जैसे ही कार्यकर्ताओं से परिचय करते हुए अपने कमरे में पहुंचे और एक एक करके कार्यकर्ताओं को अंदर आने की बात कही। लेकिन पहले से ही उबाल मार रहे उर्मिला समर्थकों ने अपना रंग दिखाना शुरू किया।
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सबसे पहले उनके पुत्र पंचशील राजपूत उनसे मिलने के लिए कमरे की तरफ बढ़े तो गेट पर पार्टी जिलाध्यक्ष राजकुमार राठौर ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। जिस पर पंचशील व उनके समर्थकों ने जिलाध्यक्ष पर कई आरोप प्रत्यारोप जड़ डाले। दो दर्जन से अधिक सपाई जिलाध्यक्ष पर हावी हो गये। उर्मिला राजपूत भी अपने पुत्र के समर्थन में उतर आये। देखते ही देखते डाक बंगले के अंदर तू तू मैं मैं एक अच्छे खासे विवाद में तब्दील हो गयी। बाद में कुछ नेताओं ने बीच में पड़कर मामले को शांत कराया और उर्मिला व पंचशील की भेंट मंत्री आलोक शाक्य से करा दी।
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मंत्री के सामने इस तरह का नंगनाच करना पूर्व नियोजित माना जा रहा है। एक स्वर में बोल रहे उर्मिला समर्थक किसी भी कीमत पर अपनी बात मनवाने पर अड़े थे। कई कार्यकर्ताओं से भेंट करने के बाद मंत्री जैसे ही राजेपुर जाने के लिए बाहर निकले तो पुनः उन्हें कार्यकर्ताओं की अनुशासन हीनता से गुजरना पड़ा। जिसे जहां मौका मिला मंत्री को खींचता हुआ एकांत में ले जाकर अपनी बात कहता नजर आया। एक के छूटते ही दूसरा, दूसरे के छूटते ही तीसरा मंत्री को खींचता घूम रहा था। सबसे अंत में रविशरण यादव, पूर्व चेयरमैन नदीम फारुखी मंत्री से गेस्टहाउस के बाहर खेत में ले जाकर मिले और अपनी बात रखी। फिलहाल कार्यकर्ताओं ने पर्यवेक्षक को चकरघिन्नी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मंत्री कार्यकर्ताओं के इस व्यवहार को देखकर भौचक्के तो हुए लेकिन अब करेंगे तो क्या यह खोलें तो अपनी और यह खोलें तो अपनी। बेइज्जती तो पार्टी की ही होनी है। बमुस्किल कार्यकर्ताओं से बचते बचाते मंत्री आलोक शाक्य, मंत्री नरेन्द्र सिंह के साथ राजेपुर दौरे पर निकल गये।
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