मौत के भयावह मंजर के बीच इंटरनेट ने बचाई जान

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tabahiमोहाली: श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा पर गए चार दोस्त अब सुरक्षित घर लौट आए हैं। भारी बारिश के कारण हमराज सिंह, मनप्रीत सिंह, इंदरपाल सिंह औप गगन सिंह की यात्रा तो पूरी नहीं हुई, लेकिन वहां जिस तरह के हालात बने थे उसे वे जिंदगी भर नहीं भुला सकते।

उनकी आंखों के सामने तबाही का मंजर और दिल में डर अब भी बना हुआ है। मौत के उस भयावह मंजर का बयां करते हुए उन्होंने बताया तीनों दोस्त श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा पर गए थे। गोबिंदधाम से आगे पैदल ही यात्रा करनी थी। तभी भारी बारिश के कारण पहाड़ खिसकने लगे और आखिरकार बाढ़ भी आ गई। हर कोई अपनी जान बचाने को इधर-उधर भाग रहा था। सड़क का कोई अता-पता नहीं।

घर वालों के फोन पर फोन आ रहे थे। उन्हें वे दिलासा दिला रहे थे कि वे ठीक हैं, लेकिन लेकिन कौन सा रास्ता उनको घर तक ले जाएगा, इसका कुछ पता नहीं चल पा रहा था। उनके सामने ही श्री हेमकुंड साहिब के पैदल रास्ते का पुल बह गया। इंटरनेट का साधन उनके पास था तो टैब्लेट पर रास्ते की सर्च शुरू कर दी और इंटरनेट ने ही उनको बाहर निकलने का रास्ता दिखाया।

वे श्री हेमकुंड साहिब के रास्ते में स्थित गोबिंद धाम से 18 जून की सुबह आठ बजे वापस मोहाली के लिए अपनी इनोवा में निकले। 18 जून की रात को ही वे मनीला देवी के मंदिर के पास पहुंचे। उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा था।

उन्होंने पानी पीकर पूरी रात गुजारी। 19 जून की सुबह मोहाली के लिए निकले। सभी घर पहुंचे तो मानो जैसे नई जिंदगी मिल गई हो।

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