कमालगंज (फर्रुखाबाद): उत्तरांचल में हुई भारी वर्षा के कारण गंगा में अचानक बढ़े जल स्तर के चलते एक ओर जहां गंगा के पानी ने कई गांवों का कटान शुरू कर दिया है। ग्रामीण अपने आशियाने को छोड़कर पलायन कर रहे हैं। वहीं प्रशासन के अधिकारियों का इस दैवीय आपदा और गरीब की त्रासदी से कितना खूबसूरत रिस्ता है इसका अंदाजा आपको इस फोटो से लग जायेगा। प्रभारी अपर जिलाधिकारी प्रभुनाथ जहां धूप से बचने के लिए स्वयं छाता पकड़े हैं वहीं उपजिलाधिकारी सदर राकेश पटेल को धूप की किरणों से बचाने के लिए उनके पीछे चल रहा चतुर्थश्रेणी कर्मचारी मुस्तैदी से छाता ताने है। कोशिश तो तहसीलदार राजेन्द्र चौधरी की भी इस छाते की परछांई में छिप जाने की है परन्तु औपचारिकता वश झिझक रहे हैं। यह नजारा उफनाती नदी के किसी किनारे का नहीं वल्कि गांव से गुजर रहे सोते (नाले) का है।
भीषण बाढ़ का प्रकोप झेल रहे जनपद के गंगा तटवर्ती ग्रामीणों की हालत को देखने के लिए उपजिलाधिकारी सदर राकेश पटेल व तहसीलदार आर पी चौधरी सिटी मजिस्ट्रेट प्रभुनाथ के साथ पहुंचे। जहां पर अधिकारियों ने निरीक्षण करने के बाद कटान की जद में आये ग्रामीणों के घरों को खाली करने के निर्देश दिये।
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कमालगंज क्षेत्र के ग्राम भोजपुर, चाचूपुर व जंजाली नगला में अधिकारियों ने दौरा कर ग्रामीणों से कहा कि कोई दिक्कत हो तो अवगत करायें। जो लोग गंगा के किनारे बसे हैं वह अपने घरों को खाली कर दें। जूनियर हाईस्कूल कमालगंज में बाढ़ नियंत्रण कक्ष ग्राम विकास अधिकारी प्रभात यादव की देखरेख में खोला गया। प्रभात यादव क्षेत्र में दौरा करके सारी सूचनायें देंगें।
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वहीं संभावना जतायी जा रही है कि गंगा नदी का पानी रात गुजरने तक चाचूपुर व जंजाली नगला में भर जायेगा। भोजपुर में बना पंचायत सचिवालय भी गंगा की कटान में समाता दिखायी दे रहा है।