कांग्रेस में चापलूसी के ये 9 चर्चित किस्से

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सुर्खियों में छाया छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष चरणदास महंत का यह बयान कि सोनिया गांधी और राहुल के कहने पर वह झाड़ू पोंछा लगाने को भी तैयार हैं, कांग्रेस में कोई नई बात नहीं है।

चापलूसी के सहारे दरबारी संस्कृति की पैरोकारी करने वाले महंत अकेले नहीं हैं बल्कि कांग्रेस में चापलूसी पुराण का पाठ करने वालों की एक लंबी फेहरिस्त रही है।

जिसमें कभी पार्टी अध्यक्ष रहे देवकांत बरुआ से लेकर ए आर अंतुले और बंसीलाल से लेकर दिग्विजय सिंह तक कई नामचीन राजनीतिक हस्तियां शामिल रही हैं।
Congress Chamchagiri
जय सोनियाजी के नारे लगे
महंत के बयान की गूंज अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि मंगलवार को एक और उदाहरण कैबिनेट में शामिल की गईं शहरी गरीबी उन्मूलन और आवास मंत्री गिरिजा व्यास के कामकाज संभालने के दौरान दिखाई दिया।

हवन-पूजा के दौरान जय मां काली, जय अंबे गौरी की गूंज के बाद मंत्री के कुछ उत्साही समर्थकों ने जय सोनियाजी के नारे भी लगाए।

‘सोनिया के लिए मरने को भी तैयार’
इसी तरह पिछले साल अक्तूबर में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने सोनिया गांधी के लिए मरने को भी तैयार रहने की बात कहकर खूब सुर्खियां बटोरी थी।

महंत तो दरअसल पार्टी में दरबारी संस्कृति की सत्तर के दशक में हुई शुरुआत की ताजा कड़ी भर हैं।

‘इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा’
तब असम के दिग्गज नेता देवकांत बरुआ ने आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रति वफादारी दिखाने के लिए ‘इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा’ कहा था।

‘…सफाई करो तो मैं वह भी करता’
इसी तरह 1982 में ज्ञानी जैल सिंह ने राष्ट्रपति बनने के बाद कहा था कि अगर मेरी नेता (इंदिरा गांधी) कहतीं कि झाड़ू उठाओ और एक जमादार की तरह सफाई करो तो मैं वह भी करता।

इसी तरह बंसीलाल ने बीके नेहरू से कहा था कि चुनाव के झंझट को खत्म करो और हमारी बहन इंदिरा को आजीवन देश की कमान सौंप दो।

सोनिया को कांग्रेस का ‘तेंदुलकर’ कहा
राजनीति में आने से पहले जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस के लिए प्रचार शुरू किया था तब 1997 में दिग्विजय सिंह ने उन्हें कांग्रेस का ‘सचिन तेंदुलकर’ कहा था।

‘चमड़ी से बनी जूती पहनती हैं तो…’
जबकि राजीव गांधी के आक्रामक ब्रिगेड में रहे उत्तर प्रदेश के कांग्रेसी नेता रत्नाकर पांडेय ने तो कहा था कि सोनिया गांधी उनकी चमड़ी से बनी जूती पहनती हैं तो वह इसके लिए तैयार हैं।

‘सोनियाजी आप तो विदुषी हैं’
इसका एक और नमूना मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने 2002 में पेश किया था, जब जम्मू-कश्मीर में पार्टी की कामयाबी के बाद कार्यसमिति की बैठक में कहा कि सोनियाजी आप तो विदुषी हैं जिसे भूत, वर्तमान और भविष्य सब मालूम है अन्यथा आप मुझे प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष कैसे बनातीं।

राजपूत ने आत्महत्या का नाटक रचा
2004 में जब सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया था तब कांग्रेस में रहे पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत ने तो कार के बोनट पर खड़ा हो कर अपनी कनपटी पर लाइसेंसी रिवॉल्वर सटा कर आत्महत्या करने का नाटक रचा था।

गोविंदा ने सोनिया को मां कहा
तो रेणुका चौधरी ने कैमरे के सामने आंसू का सैलाब दिखाकर निष्ठा की पराकाष्ठा का इजहार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। तब फिल्म स्टार और सांसद गोविंदा ने रोते हुए सोनिया गांधी को पूरी पार्टी की मां तक कहा था।

पिछले साल लोकसभा में सदन का नेता बनाए जाने पर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पिछले साल कहा था कि यह तो मैडम (सोनिया) ने निष्ठा का ईनाम दिया है।

क्या कहा था महंत ने
यदि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी कार्यालय में झाड़ू पोंछा करने को कहती हैं तो वह यह भी करेंगे।

दरबारी संस्कृति के कुछ और उदाहरण
अगर मेरी नेता (इंदिरा गांधी) कहती हैं कि झाड़ू उठाओ और जमादार की तरह सफाई करो तो मैं वह भी करता।- ज्ञानी जैल सिंह, राष्ट्रपति बने के बाद

सोनियाजी आप तो विदुषी हैं जिसे भूत, वर्तमान और भविष्य सब मालूम है अन्यथा आप मुझे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैसे बनातीं।–गुलाम नबी आजाद, स्वास्थ्य मंत्री (जेएंडके में पार्टी की जीत पर)

इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा- देवकांत बरुआ, असम के दिग्गज नेता

सोनिया गांधी अगर उनकी चमड़ी से बनी जूती पहनती हैं तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं।- रत्नाकर पांडेय, उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेता