दिल्ली: सलवा जुडूम शुरू होने के बाद नक्सली होने का झूठा इलज़ाम लगा कर बड़ी संख्या में आदिवासी लड़कियों को जगदलपुर और रायपुर की जेलों में ठूंस दिया गया है। जेल के भीतर से खबर आयी है कि जेल भेजने से पहले ऐसी सभी लड़कियों के साथ पुलिस ने यौन दुर्व्यवहार किया है। अनेकों लडकियां बारह से चौदह साल की बच्चियां भी हैं। इनमे से कई बच्चियों के शरीरों पर बिजली से जलाने के निशान हैं।
[bannergarden id=”8″]मैं पूरे होशो हवास में छत्तीसगढ़ सरकार पर ये गंभीर आरोप लगा रहा हूं. सर्वोच्च न्यायालय मेरे इस आरोप का संज्ञान ले और इस आरोप की सत्यता के लिए स्वतंत्र महिला जांच दल का गठन करे जिसमे देश की जानी मानी पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्त्ता, वकील व महिला डाक्टरों को शामिल करे जो जेल में जाकर इन महिला कैदियों से मिले. अगर मेरा आरोप गलत पाया जाए तो मुझे जेल में डाल दिया जाय.
साभार: भड़ास एवं सोशल एक्टिविस्ट और मानवाधिकारवादी हिमांशु कुमार के फेसबुक वॉल से.