पदोन्नति में दलित शिक्षकों को एक और झटका, दागियों की बल्ले बल्ले

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लखनऊ: बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से पदोन्‍नति संबंध में पूर्व आदेश का संषोधन जारी किया गया है। इस नये संषोधन से जहां एक ओर आरक्षण के चलते पहले  प्रोन्‍नति पा चुके शिक्षकों को अगली प्रोन्‍नति में पीछे ढकेल दिया गया है वहीं दागी या खराब सेवा रिकार्ड के चलते प्रोन्‍नति में पिछड चुके अध्‍यापकों की बल्‍ले–बल्‍ले हो गयी है।  नवीन संषोधन के अनुसार अब उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के पद पर पदोन्नति में जेष्ठता सूची अब पूर्व प्रोन्‍नति के आधार पर न होकर प्रथम नियुक्ति से करने का आदेश बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने जारी किया है।

बेसिक शिक्षा परिषद सचिव द्वारा जारी आदेश में बेसिक शिक्षा परिषद अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन कर जेष्ठता को मौलिक रूप से उसकी प्रथम नियुक्ति से तैयार कर समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। मृतक आश्रितों को एवं अन्य अप्रशिक्षित नियुक्त अध्यापकों की मौलिक नियुक्ति तिथि अध्यापक के प्रशिक्षित होने की तिथि से मानी जायेगी। ऐसी स्थिति में दलित शिक्षकों को जिन्हें प्रथम पदोन्नति में आरक्षण या बैकलाग के अन्तर्गत पदोन्नति मिली थी वह अब प्रधानाध्यापक पद पर प्रथम नियुक्ति वरीयता निर्धारण के चलते सामान्य शिक्षकों से उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक पद पर बराबरी पदोन्नति नहीं पा सकेंगे।

अवगत हो कि पूर्व में प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक की पदोन्नति के पश्चात उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति के लिए प्रथम पदोन्नति तिथि से वरीयता का निर्धारण किया जाता है। ऐसी स्थिति में उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति के लिए दलित शिक्षकों को एक करारा झटका लगा है।

 इस आदेश से दलित शिक्षकों को बैकलाग एवं आरक्षण के अन्तर्गत विशेष अभियान के तहत भरे गये पदों पर ऐसी स्थिति से दलित शिक्षकों के पद प्रधानाध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय एवं प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय के साथ ही उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर दलित शिक्षकों की पुनः कमी हो जायेगी। साथ ही इस आदेश से उन शिक्षकों को फायदा मिलेगा जिनके विरुद्व विभागीय कार्यवाही होने के कारण पदोन्नति में देरी या दण्डात्मक कार्यवाही के चलते विलम्ब से प्रमोशन हुए थे। उनकी पदोन्नति में कोई व्यवधान नहीं होगा।

 बेसिक शिक्षा परिषद सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक पद के लिए वरिष्ठता निर्धारण के समय प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय के पद पर तीन वर्ष का अनुभव होना आवश्यक है। वरीयता सूची में शामिल किया गया है।