लखनऊ: सूबे की सपा सरकार ने प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 1.20 लाख शिक्षामित्रों की नियुक्ति करने का मन बनाया है। शासन स्तर पर इस मामले की तैयारी भी शुरू हो गई है। इनकी नियुक्ति ग्राम सभा स्तर पर की जाएगी। शिक्षामित्रों की नियुक्ति के संबंध में भी आरक्षण के नियम अपनाए जाएंगे। इसमें महिलाओं की संख्या 50 प्रतिशत तक निर्धारित की जाएगी। बाकी पुरुष संवर्ग से नियुक्ति होगी। हर गांव के स्कूलों में एक शिक्षामित्र रखा जायेगा। विदित हो कि जहां पहले से शिक्षामित्रों की नियुक्ति की जा चुकी है, वहां दोबारा नियुक्ति नहीं होगी। शिक्षामित्रों के पदों पर स्नातक योग्यताधारी की ही नियुक्ति की जाएगी।
इतनी बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों की नियुक्ति होने से शिक्षकों की कमी एक हद तक पूरी हो जाएगी। इस समय सूबे के प्राथमिक स्कूलों में पौने तीन लाख शिक्षकों के पद खाली चल रहे हैं। इसके अलावा 72,825 बीएड योग्यताधारियों से शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति की तैयारी हो रही है। अगले माह दिसंबर 2012 में इन पदों को भरने केलिए विज्ञापन जारी हो जाएगा। इस मामले में हाईकोर्ट ने 7 दिसंबर तक का समय दे रखा है। मुख्यमंत्री भी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में घोषणा कर चुकेहैं। 5500 बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षकों की भी नियुक्ति की जानी है। ये वे अभ्यर्थी हैं जिनका परीक्षाफल तकनीकी कारणों से रोका गया है। सपा सरकार प्राथमिक स्कूलों में उर्दू विषय के शिक्षकों की नियुक्ति करने में रुचि ले रही है। राज्य सरकार इसके पहले भी लगभग 60 हजार शिक्षामित्रों की नियुक्तियां कर चुकी हैं। बाद में इन्हें नियमित करने के लिए सरकार ने बीटीसी का प्रशिक्षण देने का निर्णय किया। इस समय पहली किस्त में शिक्षामित्रों को बड़ी संख्या में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण हासिल कर निकलते ही इनको नियमित शिक्षक के रूप में नियुक्त मान लिया जाएगा। ये सभी नियुक्तियां सर्व शिक्षा अभियान के तहत होंगी। इस मद में व्यय होने वाली धनराशि का 75 प्रतिशत बजट केंद्र सरकार खुद देगी। केवल 25 प्रतिशत बजट का राज्य सरकार को अपनी ओर से इंतजाम करना होगा।
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