FARRUKHABAD : कोतवाली कायमंगंज क्षेत्र के गांव पपड़ीखुर्द में वर्ष 2007 में अबैध सम्बन्धों के चलते हुई महिला की हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश एस0सी0, एस0टी0 ने आरोपी को हत्या व हरिजन उत्पीडऩ के मामले में आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई है। बहीं जुर्माना न अदा करने की सूरत में तीन तीन माह के अतिरिक्त कारावास की भी सजा दी है। बहीं 25/27 आर्मस एक्ट मामले में चार साल की सजा और 5,000 रू0 जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न अदा करने पर दो दो माह की अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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गांव पपड़ी खुर्द में माह सितम्बर 2007 को अर्जुन सिंह जाटव की पत्नी एवं उसकी पुत्री मालती देबी घर से आरान्ह करीब दो बजे शौच के लिये निकली थी। काफी देर तक बह घर नहीं लौटी इसी बीच अपरान्ह तीन बजे फायर होने की आबाज के साथ साथ लाली देबी की चीखने की आवाज सुनाई दी जिस पर उसकी पुत्री मालती देवी व चचेरा भाई सुधाकर दौड़कर रामसेवक के खेत में जा पहुंचे जहां पर लाली देबी गम्भीर घायल अवस्था में पड़ी हुई थीं। जब तक की उसके परिवारीजन मौके पर पहुंचते की इसी बीच उसकी मौत हो गयी। इस घटना के मामले में लाली देवी के पति अर्जुन सिंह जाटव ने गांव के ही पप्पू उर्फ इरशाद अहमद पुत्र अंसार अहमद के विरूद्ध नामजद मामला दर्ज कराया था।
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पुलिस ने कार्यवाही करते हुये अभियुक्त गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सोमवार को विषेश न्यायाधीश एस0सी0, एस0टी0 सूवा सिंह ने इस अहम मामले के सभी पहलुओं को मद्देनजर रखते हुये साथ ही सरकारी अधिवक्ता आर0डी0 निगम और प्रतिबादी के अधिवक्ता द्वारा की गयी बहस एवं पेश किये गये सवूतों के आधार पर हत्या व हरिजन उत्पीडऩ के मामले में आजीवन कारावास एवं जुर्माने तथा 25 आर्मस एक्ट में 04 साल की सजा एवं 5,000 रू0 जुर्माने की सजा सुनाई है। बहीं इन दोनो मामलों में जुर्माना न अदा करने की स्थिति में तीन तीन माह व दो दो माह का अतिरिक्त कारावास भी आरोपी अभियुक्त को भुगतना पड़ेगा।