नौकरी में घूस मांगी, तो इंजीनियर भाइयों ने खड़ा कर दिया डेयरी कारोबार

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Dairyरांची: अजय-विजय। ये नाम है रांची में श्वेत क्रांति के सशक्त हस्ताक्षर का। अजय कुमार बीआईटी सिंदरी से केमिकल इंजीनियर और विजय कुमार हसन (कर्नाटक) से सिविल इंजीनियर। पर, करते हैं डेयरी कारोबार। वह भी करोड़ों का।

आज अजय डेयरी से हर दिन 1000 लीटर से अधिक दुग्ध उत्पादन होता है। गायों के बछड़े तैयार किए जाते हैं। और टनों जैविक खाद भी वो बेचते हैं। दर्जनों लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रोजगार भी दिया हुआ है। सबसे दिलचस्प है, उनका इंजीनियर से डेयरी कारोबार में आना।

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अजय 1986 में इंजीनयिरिंग करने के बाद नौकरी की तलाश में थे। उसी दौरान एक सरकारी नौकरी में उनसे 2.5 लाख रुपए घूस मांगी गई। उन्होंने इसकी चर्चा पिता शिवनंद प्रसाद से की, जो जूट विभाग में एडीशनल डायरेक्टर थे।

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शिवनंद बेहद उसूलों वाले व्यक्ति थे। उन्होंने विजय से कहा कि 2.5 लाख रुपए ले लो, लेकिन घूस के लिए नहीं। इस पैसे से तुम अपना कुछ काम कर सकते हो।