मुंबई। फिक्सिंग पर बढ़ते विवाद को देखते हुए आइपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने शनिवार को अपने पद इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि हाल के विवादों को देखते हुए उन्होंने यह कदम उठाया है। इससे पहले शुक्रवार को बीसीसीआइ के सचिव तथा कोषाध्यक्ष भी अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
बीसीसीआइ अध्यक्ष एन श्रीनिवासन पर भी अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव है। इसके मद्देनजर श्रीनिवासन ने रविवार को दोपहर 2.30 बजे चेन्नई में बोर्ड की आपात बैठक बुलाई है। पहले यह बैठक सुबह 11 बजे बुलाई गई थी, लेकिन बाद में समय बढ़ा दिया गया, ताकि बोर्ड के सभी सदस्य बैठक में हिस्सा ले सकें। सूत्रों के अनुसार रविवार को होने वाली इस बैठक में श्रीनिवासन अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में शशांक मनोहर कार्यकारी अध्यक्ष हो सकते हैं।
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वहीं, सूत्रों के हवाले से यह खबर भी आ रही है कि श्रीनिवासन इस्तीफा नहीं देंगे, बल्कि जांच तक पद से दूरी बनाए रखेंगे। इससे पहले संयुक्त सचिव अनुराग ठाकुर ने श्रीनिवासन से बात कर 24 घंटे के अंदर आपात बैठक बुलाने की मांग की थी। अनुराग ठाकुर ने कहा है कि बोर्ड की बैठक में अहम फैसले हो सकते हैं।
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उधर, बीसीसीआइ उपाध्यक्ष अरुण जेटली ने भी चुप्पी तोड़ते हुए एक ऐसा बयान दिया, जिससे और हड़कंप मच गया। जेटली ने मीडिया से कहा कि एक दिन का और इंतजार कीजिए, आपको बड़ी खबर ही मिलेगी। बीसीसीआइ अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग के बीच जेटली का यह पहला बयान है, लेकिन निरंजन शाह ने इस मामले पर गोलमोल बयान दिया है। शाह के अनुसार इस्तीफा श्रीनिवासन और नियमों के बीच का मामला है। अब सबकुछ बीसीसीआइ की बैठक पर निर्भर है।
इससे पहले अपने दामाद को बचाने के लिए बेशर्मी दिखा रहे बीसीसीआइ प्रमुख एन.श्रीनिवासन को कुर्सी छोड़ता न देख बोर्ड के सदस्यों ने उनके खिलाफ बगावत शुरू कर दी है। बगावत का झंडा बुलंद किया बोर्ड के कोषाध्यक्ष अजय शिर्के और सचिव संजय जगदाले ने। शुक्रवार को दोनों ने अपने पद छोड़ दिए। पहले शिर्के ने इस्तीफा दिया, फिर जगदाले ने।
जगदाले के इस्तीफे के साथ ही श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन मामले की कथित जांच भी खटाई में पड़ गई है, क्योंकि हाईकोर्ट के दो रिटायर्ड न्यायाधीशों के साथ जगदाले भी उस तीन सदस्यीय समिति में शामिल थे जिन्हें इस मामले की जांच करनी थी। जगदाले ने कहा कि वह इस समिति से भी हट रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही समिति का सदस्य बनने में असमर्थता जता दी थी। माना जा रहा है कि ये इस्तीफे श्रीनिवासन की ओर से बोर्ड की कार्यसमिति की बैठक बुलाकर मामले को रफादफा करने के उनके इरादे पर पानी फेरने के लिए दिए गए हैं। शिर्के और जगदाले के बाद कुछ और सदस्य भी इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि ईस्ट जोन के चित्रक मित्रा नहीं ने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है।
इसे देखते हुए और कुर्सी छोड़ने के लगातार बढ़ते दवाब के बीच श्रीनिवासन को आखिरकार बोर्ड की वर्किग कमेटी की आपात बैठक बुलानी पड़ी। यह बैठक पहले आठ जून को होनी थी, लेकिन बढ़ते दबाव के बीच यह बैठक रविवार को ही बुलाई गई।
इससे पहले शिर्के ने नैतिकता के आधार पर श्रीनिवासन के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा था कि अगर बोर्ड अध्यक्ष अपना पद नहीं छोड़ते हैं तो वह स्वयं इस्तीफा दे देंगे। शिर्के ने इससे पहले बोर्ड अध्यक्ष पर तीखी टिप्पणियां करते हुए कहा था कि सट्टेबाजी में फंसे दामाद की गिरफ्तारी के मुद्दे पर चर्चा के लिए बीसीसीआइ की स्पेशल जनरल बॉडी मीटिंग नहीं बुलाकर श्रीनिवासन अध्यक्ष पद की छवि धूमिल कर रहे हैं। शिर्के ने कहा था कि अगर बोर्ड हमारी भावनाओं को लगातार नजरअंदाज करता रहा और बोर्ड पर लगातार अंगुलियां उठती रहीं तो मैं स्वयं पद पर बना नहीं रहूंगा और उन्होंने शुक्रवार को वही किया।
इस बीच, बीसीसीआइ के एक और सदस्य सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड (एसएससीबी) ने श्रीनिवासन के इस्तीफे की मांग की है। एसएससीबी के अध्यक्ष एयर मार्शल एचबी राजाराम ने कहा कि जब तक मामले की जांच नहीं हो जाती श्रीनिवासन को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
‘हां यह सच है कि मैंने सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है। हालिया समय में भारतीय क्रिकेट में जो कुछ भी हुआ उससे मैं काफी आहत हूं। मुझे बाहर जाना ही बेहतर लगा ताकि कुछ नए लोग आएं और इससे अच्छी तरह से निपटें।’ – संजय जगदाले
‘मैंने इस्तीफे को लेकर अपने कारण लिख दिए हैं। मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता। मैं पहले ही मीडिया में विस्तार से इस बारे में बात कर चुका हूं। जो भी हो रहा है वह भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है।’ – अजय