विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने स्वीकार किया कि अभी भारत और चीन के बीच सीमा पर आठ स्थलों को लेकर विवाद है। इन पर दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई है। इसी कारण विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के लिए दोनों देशों के विशेष सचिवों के बीच 16वें स्तर की वार्ता जल्द शुरू होगी।
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हंडिया विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अमृत लाल बिंद के समर्थन में सभा संबोधित करने इलाहाबाद आए विदेश मंत्री ने पत्रकारवार्ता में स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर गहरे मतभेद हैं। दोनों पक्षों ने इसे लेकर समय के साथ कुछ सिद्धांत स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि इस बीच हमने सीमा पर शांति बनाये रखने के लिए मिलकर काम किया है, पर अभी भी चीन सीमा पर आठ ऐसे स्थान हैं, जिनपर दोनों देशों में सहमति नहीं बन पाई है। सलमान ने जोर देकर कहा कि सीमा विवाद ऐसी समस्या है जिनका हल एक दिन में नहीं हो सकता। हमें विभिन्न मुद्दों को व्यापक नजरिये से देखने तथा उन पर बातचीत करने की जरूरत है। उन्होंने चीन सीमा पर सड़क निर्माण जारी रखने की बात कही। उन्होंने मध्यावधि चुनाव को खारिज करते हुए कहा कि सरकार का आगामी लक्ष्य फल सिक्योरिटी और भूमि अधिग्रहण बिल पास कराना है। दोनों बिल को पास कराने के लिए केंद्र सरकार विपक्षी दलों का भी सहयोग मांगेगी। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय में बांग्लादेश के साथ सीमा समझौते को भी लागू कराने का प्रयास शुरू कर दिया गया है।
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नक्सली हमले में विदेशी हाथ होने के साफ संकेत के सवाल पर विदेश मंत्री कन्नी काट गए और कहा कि यह जांच का विषय है। जांच में यदि किसी देश की संलिप्तता सामने आती है तो इस दिशा में भी भारत गंभीर पहल करेगा। अफगानिस्तान के साथ संबंध के सवाल पर उन्होंने कहा कि वहां अब नई सरकार बनने के बाद भारत अपनी भूमिका तय करेगा। हालांकि भारत द्वारा किए जा रहे निर्माण और विकास कार्य जारी रहेंगे।