फर्रुखाबाद: मुख्यमंत्री के लैपटॉप वितरण कार्यक्रम में हुई अफरातफरी की गाज चार वरिष्ठ अधिकारियों पर गिर चुकी है। आयुक्त कानपुर मंडल को पद से हटाया जा चुका है। डीएम फर्रुखाबाद व सचिव माध्यमिक शिक्षा को चेतावनी जारी हो चुकी है। जिला विद्यालय निरीक्षक को निलंबित हो चुके हैं। परंतु अब बड़े अधिकारियों को अपनी खाल बचाने के लिये ‘बलि के बकरों ’ की तलाश है। फिलहाल तो बेसिक शिक्षा विभाग के दो शिक्षकों के निलंबन की सूचना है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी लगभग एक दर्जन अध्यापकों पर और गाज गिरने की संभावना है। 6 लेखपालो से भी स्पएष्टीकरण लिखवाये जाने की जानकारी है। परंतु सवाल यह है कि जिन अधिकारियों ने अपने ही आदेश का अनुपाल नहीं कराया, उनके लिये यह ‘टोटके’ कितने और कबतक कारगर होंगे। जब लैपटॉप्स को लाभार्थियों के पंडाल में आगमन से पूर्व उनकी सीटों पर रखने की व्यबवस्था लिखित रूप से पूर्व में ही जारी कर दी गयी थी, तो मुख्यमंत्री के आगमन और उनके भाषण के बाद वितरण का इंतजार किसके आदेश से किया गया। और इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
विदित है कि विगत 25 मई को मुख्यमंत्री के छात्रों को लैपटॉप वितरण कार्यक्रम के दौरान अव्यवस्था की गाज चार वरिष्ठ अधिकारियों पर गिरी थी। इनमें कमिश्नर कानुपर शालिनी प्रसाद को तो तत्काल पद से हटा कर प्रतीक्षारत कर दिया गया था। जिलाधिकारी फर्रुखाबाद पवन कुमार व माध्यमिक शिक्षा सचिव कामरान रिजवी को चेतावनी जारी की गयी थी, व जिला विद्यालय निरीक्षक नंदलाल यादव को निलंबित कर लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया था। लगता है कि अब अधिकारियों को अपनी खाल बचाने के लिये ‘बलि के बकरों’ की तलाश है। जिनके सर आरोप मढ़कर इन बड़ी मछलियों को बेदाग साबित किया जा सके। जाहिर है कि देर सवेर इन छोटे कर्मचारियों का मामला भी रफादफा कर दिया जायेगा या किसी को थोड़ा बहुत दंड मिल भी गया तो वह मीडिया की सुर्खी नहीं बनेगा। इसका प्रमाण यह है कि मंगलवार देर रात बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल ने दो शिक्षकों गंगेश शुक्ला व संजय तिवारी को निलम्बित कर दिया। उक्त दोनो अध्यापकों पर लेपटाप वितरण में अनुशासनहीनता/लापरवाही का आरोप लगाया गया है। इनके द्वारा अपने पदीय दायित्वों का का निर्वाहन ठीक प्रकार से नहीं किया गया बताया गया। इनके द्वारा लैपटाप वितरण में व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप लगाया गया है। तहसील सदर के 6 लेखपाल जो ब्लाक संख्या 1 में लगे थे सभी के स्पष्टीकरण लिखा लिया गया है। जेएनआई के पास उपलब्धा सूचना के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग के लगभग एक दर्जन अध्यापपकों पर अभी और निलंबन की गाज गिरने की संभावना है।
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