अगर केंद्र सरकार की सलाह पर राज्यों ने गौर किया, तो हाइवे पर दिखने वाले दारू के ठेके गायब हो सकते हैं। रोड सेक्रेटरी विजय छिब्बर की ओर से जारी एडवाइजरी में राज्यों से नेशनल हाइवे से दारू के ठेके हटाने और कोई नए लाइसेंस जारी न करने का मशविरा दिया गया है।
इस पत्र में लिखा गया कि अगर कुछ शराब दुकानदारों को नेशनल हाइवे पर ठेका खोलने का लाइसेंस दिया जा चुका है, तो ऐसे मामलों में भी फैसले बदले जा सकते हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि हाइवे पर शराब के ठेके दो तरह की दिक्कतें पेश करते हैं।
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उन्होंने कहा, ‘आसानी से शराब मिलने के कारण नशे में ड्राइविंग और हादसों की तादाद बढ़ रही है। इसके अलावा हाइवे पर बने ऐसे ठेकों पर खूब भीड़ लगी रहती है, क्योंकि बड़ी संख्या में वाहन यहां आकर रुकते हैं।’
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एक अनुमान के मुताबिक 2011 में जो 4,90,000 सड़के हादसे हुए, उनमें से 25,000 शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से थे। इन हादसों में 11,000 मौतें हुईं