लैपटॉप वितरण LIVE: काले दुपट्टो पर नहीं लग पाई रोक

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फर्रुखाबाद: सफ़ेद रंग पसंद करने वाले नेता लोग रंग से डरते है| दरअसल में लोकतंत्र में सत्ता को विरोध पसंद नहीं ये इस बाद को दर्शाता है| और इसलिए पूरे देश भर में होने वाली सत्ताधारी नेताओ के सुरक्षा कर्मी और सरकारी व्यवस्थापक इस बात का बहुत ध्यान रखते है कोई काला कपडा दिखा कर प्रोग्राम का मजा न ख़राब कर दे|
Black Scarff
विरोध स्वरुप दिखाया जाने वाला काला झंडा लोकतान्त्रिक अधिकार है| मगर काला झंडा विरोध तक रहे तब तो गनीमत है मगर सबसे बड़ी बात ये है कि अगर किसी कार्यक्रम में काला झंडा दिखाते किसी मीडिया की नजर में आ गया तो कार्यक्रम की ऐसी तैसी समझो| मीडिया फिर कार्यक्रम की उपलब्धियो से ज्यादा बड़ी खबर काले झंडे को बना डालते है| इसलिए नेता को काले झंडे के विरोध से डर नहीं लगता| डर तो मीडिया द्वारा उसे आम जनता में फैला देने से लगता है|

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वैसे काले झंडे से मायावती सबसे ज्यादा डरती है| उनके कार्यक्रमों में इस बात पर बहुत सख्ती देखी जाती थी| बिहार के मुख्यंत्री नितीश कुमार की सभा में भी एक बार लडकियों के काले दुपट्टे उतरवाने पर मीडिया ने उन्ही खाल खीचने में कोई कसर नहीं रखी थी| यूपी के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस मामले में कुछ व्यवहारिक है| शायद इसलिए उनकी लैपटॉप वितरण की सभा हो या कोई और लडकियों के काले दुपट्टे डाल सभा में आने पर कोई तबज्जो नहीं दी जाती| फर्रुखाबाद के क्रिश्चियन मैदान पर लैपटॉप वितरण कार्यक्रम में लाभार्थी लड़कियां काला दुपट्टा डाल अन्दर तो चली गयी है मगर अगर किसी ने विरोध स्वरुप फहरा दिया तो…..?

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