फर्रुखाबाद: स्थान: सरकारी जिला अस्पताल डॉ राम मनोहर लोहिया संयक्त चिकित्सालय| समय: सुबह 11 बजे| अल्ट्रासाउंड सेण्टर में ताला जड़ा है| बाहर कम से कम दो दर्जन मरीज 1 घंटे से टला खुलने का इन्तजार कर रहे है| डॉक्टर साहब नदारद है| रेडियोलाजिस्ट डॉ योगेन्द्र को खोजा गया तो वे एक्स-रे कक्ष में लिखा पढ़ी करते मिले| उन्हें जब जनता की भारी भीड़ जो अल्ट्रासाउंड कक्ष के बहार कड़ी होने के बारे में बताया तो जबाब मिला 11.30 बजे खोलेंगे तभी अल्ट्रासाउंड कर पाएंगे| और 12 बजे बंद हो जायेगा| एक मरीज का तीमारदार बोला- ये बात अगर सरकार प्रचारित कर दे तो नाहक ही आम जनता जो दूर दूर से इलाज के लिए आती है, परेशान नहीं होगी|
उनसे जब कहा गया कि इमरजेंसी है तो बोले मैं क्या करू| सरकार को बोलो दो चार रेडियोलाजिस्ट और भेज दे| अब आम जनता को जब यह जबाब सरकारी मुलाजिमो से मिलेगा तो क्या हाल होगा? इस मामले में जब सीएमओ साहब से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बताया कि वे लखनऊ में बाहर है| यानि सरकारी डॉक्टर बेलगाम हो चले है| वैसे ये ट्रिक भी है बाहर से प्राइवेट अल्ट्रासाउंड करवाने की जिसमे सरकारी डॉक्टर भारी कमीशन खाते है|
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वैसे अस्पताल खुलने का समय सुबह 10 बजे है| 10 से 2 बजे की ओपीडी का समय निर्धारित है| किसी डॉक्टर को किसी मरीज का अल्ट्रा साउंड करवाकर कोई नुस्का लिखना हो लोहिया अस्पताल में दो चार दिन का समय चाहिए| वैसे डॉक्टर साहब चौबीस घंटे भी उपलब्ध है अगर आप इनकी जेब गरम करने की हैसियत रखते है| जिला स्तर पर शिकवा शिकायत और निरिक्षण का कोई असर नहीं होता| क्योकि अगर डीएम साहब की अंगुली में कुछ हो जाए तो ५ मिनट में ही एक्स रे और रिपोर्ट बन जाती है और साहब को लगता है सब ठीक चल रहा है|
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