अलीगढ़ : 2005 में पब्लिक को सूचना के अधिकार (आरटीआइ) से लैस करते वक्त शायद ही किसी ने कानून के इस तरह के इस्तेमाल के बारे में सोचा होगा। यहां एक शख्स ने बेटी के हाथ पीले करने के दो साल बाद अपने दामाद की कमाई, संपत्ति और शैक्षिक योग्यता की जानकारी तक आरटीआइ आवेदन में मांग डाली। ससुर की इस कवायद का पता दामाद को लगा तो वो सीधे एसएसपी के पास ही पहुंच गया। फिलहाल, कप्तान ने मामले को महिला थाने के हवाले कर दिया है।
आरटीआइ के नए प्रयोग की ये कहानी कुछ यूं है..उत्तराखंड के रुद्रपुर निवासी पीएसी कर्मी ने 24 नवंबर 2011 को बेटी की शादी शहर के ही एक युवक से की थी। बताते हैं कि युवक यहीं एक प्राइवेट इंस्टीट्यूट में असिस्टेंट लेक्चरर है। शादी के कुछ दिनों तक तो सबकुछ ठीक लगा, लेकिन लड़की के घरवालों की कथित दखल से बात बिगड़ने लगी। भाई की तबीयत बिगड़ने का हवाला देकर पत्नी मायके गई तो वो नहीं लौटी। ससुराल वालों ने दहेज के लिए प्रताड़ना का आरोप भी लगाया है। युवक का कहना है कि दो महीने पहले जब वो पत्नी को लेने गया तो ससुराल वालों ने दुत्कार दिया। बाद में, परिजनों को लेकर गया, लेकिन वे उसकी पत्नी को भेजने को तैयार नहीं हुए। घरवालों से भी अभद्रता की गई।
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इस बीच, ससुर ने दामाद के बारे में जानकारी के लिए सूचना के अधिकार का सहारा लिया। पूछा, वो कमाता है? कहां नौकरी करता है? कितनी प्रापर्टी है? ये खबर लगी तो युवक ने एसएसपी को ससुर की शिकायत की। एसएसपी ने पारिवारिक मनमुटाव मानते हुए मामला महिला थाने के सुपुर्द कर दिया है। 18 मई को दोनों पक्षों को हाजिर होना था, लेकिन कोई न आया। अब यहां 30 मई को सुनवाई होगी।
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