विदेशियों द्वारा भारत में अपराध कर भाग जाने पर भारत सरकार आखिर कैसे कर पायेगी कोई कार्यवाही? क्योंकि भारत सरकार के पास भगौड़े विदेशी अपराधियों की कोई सूचना नहीं है| आर टी आई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा द्वारा भारत सरकार से मांगी गयी सूचना में सरकार ने ये जानकारी दी है|
सूचना मांगने पर जबाब दिया गया कि इटैलियन मरीन्स प्रकरण की सूचना इटली सरकार से विश्वास में प्राप्त सूचना हैl सूचना के प्रगटन से भारत की प्रभुता अखंडता ,सुरक्षा,रणनीति,वैज्ञानिक या आर्थिक हित, इटली से सम्बन्ध पर प्रतिकूल प्रभाव या किसी अपराध का उद्दीपन संभव हैl सूचना के प्रगटन से भारत सरकार ने इनकार कर दिया है| यानि की भारत का नागरिक नहीं जान सकता कि कौन सा अंतर्राष्ट्रीय अपराधी भारत में क्या अपराध करके भाग गया है| सरकार का कहना है कि ये सूचना आम जनता को नहीं दी जा सकती| क्या यही है हमारी सरकारों की मजबूत विदेश नीति और भारतीय कानूनों के अनुपालन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता?
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भारत विश्वपटल पर विकासशील देश से विकसित देशों की कतार में आने के दावे करता है l हमारी सरकार आये दिन इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नए आयाम गढ़ने के दावे करती है l भारत विश्वपटल पर विकासशील देश से विकसित देशों की कतार में आने के दावे करता है l हमारी सरकार आये दिन इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नए आयाम गढ़ने के दावे करती है| केंद्र सरकार की पार्टी कांग्रेस के छोटे मुखिया राहुल गाँधी हर राजनैतिक जनसभा में जनता को सूचना के अधिकार का देना अपनी बड़ी उपलब्धि बताते है| मगर ये सूचना सरकार या सरकार को चलाने वाली पार्टी की सुविधा के अनुसार होगी ये नहीं बताते| उन्हें ये भी बताना चाहिए|
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सरकार द्वारा अपराधों ओर आतंकवाद पर लगाम लगाने के नए नए उपायों के बारे में प्रायः ही सरकारी उदवोधन किये जाने की तो एक परंपरा ही कायम हो गयी है l हमारे समक्ष यक्ष प्रश्न यह है कि हमारी सरकारें इस बारे में वास्तब में गम्भीर हैं या ये भारत की सरकार और उसके नुमाइंदों के शब्दाडम्बर मात्र हैं l चीन द्वारा भारत की सीमा में की गयी अवैध घुसपैठ की खबरें अभी पुरानी नहीं हुई हैं कि मेरे द्वारा सूचना के अधिकार के तहत भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से मांगी गयी सूचना के उत्तर नें मुझे व्यथित करने के साथ साथ भारत सरकार की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है l
उर्वशी द्वारा द्वारा माँगी गयी सूचना
1- 15 अगस्त 1947 से 14 मार्च 2013 तक की अवधि में भारत में अपराध करके भारत से भाग जाने बाले विदेशी अपराधियों की संख्या की सूचना अपराधियों के देश-वार दें l
2- भारत द्वारा 15 अगस्त 1947 से 14 मार्च 2013 तक की अवधि में भारत में अपराध करके भारत से भाग जाने बाले विदेशी अपराधियों के उन प्रकरणों की संख्या की सूचना देश-वार दें जिनको भारत सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाया गया|
जबाब में विदेश मंत्रालय के सीपीवी की अनुभाग अधिकारी मधु कालरा ने पत्र दिनांक 26 मार्च 2013 द्वारा बताया है कि इस सम्बन्ध में विदेश मंत्रालय के पास कोई सूचना नहीं है l यह दर्शाता है कि 15 अगस्त 1947 से अब तक की अवधि की सरकारें भारत में अपराध करके भारत से भाग जाने बाले विदेशी अपराधियों के प्रति कितनी सह्रदय रहीं हैं| यही नहीं इससे यह भी स्पस्ट है कि 15 अगस्त 1947 से अब तक की अवधि की सरकारों नें भारत में अपराध करके भारत से भाग जाने बाले विदेशी अपराधियों के मुद्दों को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाया ही नहीं है l क्या यही है हमारी सरकारों की मजबूत विदेश नीति और भारतीय कानूनों के अनुपालन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता?
उर्वशी द्वारा माँगी गयी सूचना
5- इटैलियन राजदूत द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट देने के बाबजूद मैसीमिलियानो लैतोरे और सल्वातोर गिरोनी नाम के दोनों नौसैनिकों के बापस न आने के कारण इटैलियन राजदूत को दिए जाने बाले दंड की सूचना दें|
जबाब में विदेश मंत्रालय के अनुसचिव गौरव आहलुवालिया ने पत्र दिनांक 05 अप्रैल 2013 द्वारा बताया है कि इस सम्बन्ध में विदेश मंत्रालय के पास कोई सूचना नहीं है l यह दर्शाता है कि इटैलियन राजदूत द्वारा सुप्रीम कोर्ट में असत्य एफिडेविट देने के बाबजूद इटैलियन राजदूत को भारतीय कानूनों के अंतर्गत कोई दंड नहीं दिया गया है|
उर्वशी द्वारा माँगी गयी सूचना
3-दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इटैलियन मरीन्स को वापस न भेजने के इटली सरकार के फैसले के विरुद्ध भारत सरकार द्वारा की गयी कार्यवाही से सम्बंधित सभी अभिलेखों की नोट शीट्स सहित सत्यापित प्रतियाँ प्रदान करें l
4-दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इटैलियन मरीन्स को वापस न भेजने के इटली सरकार के फैसले के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा इटली के राजदूत डेनियर मेनसिनी को लिखे गए पत्रों एवं इटली सरकार/इटली के राजदूत डेनियर मेनसिनी द्वारा दिए गए उत्तरों की सत्यापित प्रतियाँ प्रदान करें l
6-इटैलियन सरकार द्वारा वादाखिलाफी करने दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इटैलियन मरीन्स को वापस न भेजने के प्रकरण में भारत सरकार द्वारा इटैलियन सरकार को लिखे पत्रों की सत्यापित प्रतियाँ दें l
7-इटैलियन सरकार द्वारा वादाखिलाफी करने दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इटैलियन मरीन्स को वापस न भेजने के प्रकरण में भारत सरकार को लिखे पत्रों की सत्यापित प्रतियाँ दें l
जबाब में विदेश मंत्रालय के अनुसचिव गौरव आहलुवालिया ने पत्र दिनांक 05 अप्रैल 2013 द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 8(1)(f) और 8(1)(a) के अंतर्गत सूचना के प्रगटन से इनकार कर दिया है l भारत सरकार के अनुसार इटैलियन मरीन्स प्रकरण की सूचना इटली सरकार से विश्वास में प्राप्त सूचना है और इस सूचना के प्रगटन से भारत की प्रभुता अखंडता, सुरक्षा, रणनीति, वैज्ञानिक या आर्थिक हित,इटली से सम्बन्ध पर प्रतिकूल प्रभाव या किसी अपराध का उद्दीपन संभव है l