नई दिल्ली. तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता सुंदर पुरुषों को देखकर आकर्षित हो जाती थीं। यही वजह है कि जयललिता अपने बचपन में 50-60 के दशकों के हॉलीवुड स्टार रॉक हडसन की तस्वीरें इकट्ठा किया करती थीं। इसके अलावा भारतीय क्रिकेटर नारी कॉनट्रैक्टर और मंसूर अली खान पटौदी भी उन्हें बहुत भाते थे। खुद जयललिता ने अपनी आत्मकथा में लिखा, ‘मैं क्रिकेट मैच देखने दूरबीन लेकर जाया करती थी। लेकिन मेरा उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ पटौदी को देखना होता था।’ जयललिता ने कभी शादी नहीं की। हालांकि, वे मानती हैं कि उन्हें नैतिक रूप से पवित्र और सेक्स से रहित प्रेम कभी समझ में नहीं आया। जयललिता का कहना है कि एक महिला और पुरुष के बीच या तो रोमांटिक रिश्ता होता है या फिर वे सिर्फ दोस्त होते हैं। अकेले रहने वाली जयललिता के भीतर लोगों को लेकर अविश्वास का भाव शुरुआती जिंदगी में ही पनप गया था। खुद जयललिता कहती हैं, ‘जिन तजुर्बों से मैं गुजरी हूं, उनसे मैंने सीखा है कि जीवन में सिर्फ खुद पर भरोसा करना चाहिए।’
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1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को एक वोट से गिराने वाली जयललिता पर भरोसा किया जा सकता है? खासकर तब जब उनके नजदीकी रहे लोग उनके बारे में यह राय रखते हैं कि वह किसी पर भरोसा नहीं करती हैं और जरूरत खत्म होने के बाद डंप कर देती हैं। जयललिता के बारे में यह भी कहा जाता है कि वे अपनी जिंदगी में आए हर पुरुष को गलत मानती रही हैं। इन पुरुषों में उनके पिता से लेकर, उनके मेंटर एमजी रामचंद्रन, उनके प्रेमी शोभन बाबू तक शामिल हैं। जयललिता का मानना है कि इन सभी ने उनके साथ गलत किया।
अगले आम चुनावों के बाद बनने वाली सरकार में जयललिता की भूमिका बेहद अहम हो सकती है। शायद यही वजह है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जयललिता को अपने पाले में करने कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वे जयललिता के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे और मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में जयललिता के प्रतिनिधि के तौर पर एआईएडीएमके के नेता पहुंचे थे।
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1970 में जब एमजीआर ने अपनी फिल्म में नई हीरोइन को लिया तो जयललिता ने तेलुगु सिनेमा के स्टार रहे शोभन बाबू से नजदीकी बढ़ाई थी। कहा जाता है कि जयललिता शोभन बाबू के साथ लिव-इन रिलेशन में रहती थीं। जयललिता भले ही एक अभिनेत्री की बेटी थीं, लेकिन बचपन में वे करोड़पति वकील बनने का सपना देखा करती थीं। लेकिन जयललिता के सपने के टूटने में ज्यादा देर नहीं लगी। दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री संध्या ने अपनी बेटी जयललिता से कहा कि परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा है। ऐसे में उसे अपनी पढ़ाई छोड़कर फिल्मों में काम करना पड़ेगा। इस बारे में जयललिता ने लिखा, ‘वह मेरे लिए झटके जैसा था। मैंने अम्मा से कहा कि उन्होंने मुझे मेकअप करने पर सजा दी थी और सिनेमा से दूर रहने को कहा था, लेकिन वही मुझे इसमें धकेलना चाहती हैं।’ ऐसे में 16 साल की उम्र में स्टेला मैरिस कॉलेज जाने की बजाय जयललिता ने सीवी श्रीधर की फिल्म ‘वेनिरा अदाई’ में काम करना शुरू कर दिया।
लोग कहते हैं कि रामचंद्रन और जयललिता के बीच प्रेम का रिश्ता था। हालांकि, दोनों ने कभी भी सार्वजनिक तौर पर इस बात को स्वीकार नहीं किया। दोनों के बीच खटास भी पैदा हुई। 1970 के दशक में दोनों के बीच गतलफहमी रही। लेकिन 1981 में एमजीआर की कैबिनेट में एक मंत्री ने जयललिता को डांस ड्रामा पेश करने के लिए बुलाया। इस कार्यक्रम से एमजीआर इतने आकर्षित हुए कि वे फिर से दोस्त हो गए। इसके एक साल बाद जयललिता राजनीति में आ गईं। लेकिन बावजूद इसके एमजीआर जयललिता पर करीब से निगाह रखते थे। कुछ लोगों का दावा है कि एमजीआर जयललिता की जासूसी भी करवाते थे। एआईएडीएमके के नेता जॉन के मुताबिक, एमजीआर जयललिता की हर हरकत पर नजर रखते थे। इससे जयललिता पिंजड़े में कैद होने जैसा अनुभव करती थीं। लेकिन उन्हें यह सब अच्छा भी लगता था। राजनीतिक तौर पर जयललिता के साथ काम कर चुके कन्नन के मुताबिक, बहुत कम लोग जानते हैं कि अपने राजनीतिक दांव के बारे में जयललिता मुझे चिट्ठियां लिखा करती थीं। लेकिन ये चिट्ठियां एमजीआर तक पहुंचती रहीं। मुझे लगता है कि यह काम शशिकला किया करती थीं।