उत्तरप्रदेश में 20 मई को ब्लैकआउट हो सकता है। निजीकरण के विरोध में चार जिलों के साथ हड़ताल में अब प्रदेशभर के विद्युतकर्मी शामिल हो गए हैं।
शासन के प्रयासों को धता बताते हुए संविदाकर्मियों ने भी हड़ताल में शामिल होने की घोषणा कर दी है।
निजीकरण वाले जिलों के उपभोक्ताओं को अधिकारी अपना प्रचारक बनाकर उतारेंगे, जिससे जनता भी आंदोलन से जुड़ सके।
संयुक्त संघर्ष समिति के क्षेत्रीय संयोजक वीके अग्रवाल ने बताया कि 20 मई सुबह दस बजे से प्रदेशभर के विद्युत कर्मचारी-अधिकारी कार्य बहिष्कार कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर देंगे।
दस बजे सभी सप्लाई लाइनों को चालू करके छोड़ दिया जाएगा।
इसके बाद यदि ब्रेकडाउन या कोई फाल्ट आता है तो इसको ठीक नहीं किया जाएगा। किसी को ठीक भी नहीं करने दिया जाएगा।
संविदाकर्मियों के जिला प्रवक्ता आशीष कुमार ने बताया कि अब 20 मई से होने वाली हड़ताल में वह भी शामिल रहेंगे।
अभी तक शासन का प्रयास था कि संविदाकर्मियों को हड़ताल से अलग रखने पर मना लिया जाएगा और ये बिजलीघर संचालित करेंगे।
लोगों के विरोध से बचने और उनको अपने साथ जोड़ने के लिए आगरा व ग्रेटर नोएडा के प्रबुद्ध नागरिकों को अभियान से जोड़ा जाएगा।
गाजियाबाद व मेरठ सहित चारों जनपदों में ये लोगों को समझाएंगे कि निजीकरण से नुकसान है। ताकि कारपोरेशन कर्मचारियों को आम जनता का विरोध न झेलना पड़े।