नरेद्र मोदी की गुजरात सरकार ने 2002 में हुए नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में सजायाफ्ता पूर्व प्रदेशमंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी के लिए मौत की सज़ा के लिए अपील करने के अपने फ़ैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। माया कोडनानी को एक निलची अदालत ने 28 साल की सज़ा सुनाई है, जबकि बाबू बजरंगी को उम्र कैद की सजा सुनाई गयी है।
कुछ दिन पहले ही गुजरात सरकार ने नरोदा पटिया मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) की सलाह पर कोडनानी, बजरंगी और आठ अन्य दोषियों को फ़ांसी की सज़ा के लिए अपील करने को मंजूरी दी थी। मोदी सरकार के इस फैसले पर आरएसएस ने नाराजगी व्यक्त की थी।
गुजरात सरकार के प्रवक्ता नितिन पटेल ने एक निजी टीवी चैनल से कहा, ”इस मामले में एडवोकेट जनरल से विचार-विमर्श के बाद अंतिम फैसला किया जाएगा।”
पिछले साल अगस्त में एक निचली अदालत ने मोदी की सरकार में मंत्री रहीं और उनकी क़रीबी कोडनानी को 28 साल की कैद की सज़ा सुनाई थी। बजरंगी को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी।