बनारस विश्वविद्यालय में 1250 पदो के सापेक्ष ओबीसी का एक भी प्रोफेसर नही -एसपी आर्या

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मैनपुरी (बिछवॉ): अम्बेडकर अनुसंधान एवं विकास संस्थान पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि इंसाफ (इंडियन नशनलिस्‍ट सोशल एक्‍शन फ्रंट) के राष्टीय अध्यक्ष एस0पी आर्या ने कहा कि ओबीसी, दलित एवं मुस्लिम समाज को गैरबराबरी ने जकड़ लिया है। उन्होने कहा बनारस विश्वविद्यालय में प्रोफेसर की तैनाती में कुल 1250 पदो के सापेक्ष एससी 86 पद भरे तो है परन्तु ओबीसी का एक भी प्रोफेसर नही है।
Mainpuriडा0 अम्बेडकर बहुउदद्शीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान पर आयोजित डा0 अम्बेडकर जयन्ती समारोह में मुख्य अतिथि इंसाफ (इंडियन नशनलिस्‍ट सोशल एक्‍शन फ्रंट) के राष्टीय अध्यक्ष एस0पी आर्या ने बोलते हुए कहा कि ओबीसी एसएसटी एवं अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज को गैरबराबरी ने इस प्रकार जकड़ लिया है कि उन्हे समझाने और उनकी अपनी पहचान कराने में समय लग रहा है सदियों से गैरबराबरी की व्यवस्था में जकडे लोगों में स्प्रींग नेचर समाप्त हो गया. लोगों ने गैरबराबरी व्यवस्था को इसलिए स्वीकार नही किया बल्कि इस प्रकार स्वीकार किया कि जिस प्रकार लोग गन्दगी में रहकर उन्हें गन्दगी मे रहने की आदत पड़ जाती है । उन्होंने कहा कि अच्छी संगत करके आचरण में परिवर्तन कर विचारधारा में कट्टरता लाकर तथा बिना समझौता किये वातावरण को बदला जा सकता है । डा0 अम्बेडकर कटटरतावादी विचारधारा के थे जिसके कारण ही उन्होंने पूरे भारत वर्ष को नई दिशा दी । उन्होंने ने समाज को जाग्रत करने के लिए गुणावत्तापूर्ण तरीके बताये जिसमें बताया कि शब्दों से 17 प्रतिशत. धुन से गाना याद आता है तो घ्वनि से 30 प्रतिशत तथा करके दिखाना 53 प्रतिशत समाज में बात का असर होता है इसलिए लोगो अनुभव के माध्यामों से आइना दिखाया जा सकता है । उन्होंने कहा कि हम बीमारी का इलाज नही करते लक्षण को दवाते है इसलिए शरीर स्वस्थ्य नही होता उसी प्रकार समाज में पैदा हुई गैर बराबरी को समाप्त करना होगा .तभी संसद. सचिवालय कार्यालयों आदि में जातिवाद खत्म होगा । उन्होने कहा बनारस विश्वविद्यालय में प्रोफेसर की तैनाती में कुल 1250 पदो के सापेक्ष एससी 86 पद भरे तो है परन्तु ओबीसी का एक भी प्रोफेसर नही है, इसलिए ओबीसी को और अधिक सचेत होकर समाज को जाग्रत करना चाहिए । श्री आर्या ने कहा कि डा0अम्बेडकर अपने जीवन काल में इतना लिखकर गये हैं कि हम उसे पूरा पढ नही पा रहे है । उन्होंने कहा कि हम समाज में परिवर्तन लाने के लिए ताकत तो लगाते हैं परन्तु व्यवस्थित तरीके से नही लगाते हैं इसके कारण सामाजिक परिवर्तन होने में देरी हो रही है । श्री आर्या ने कहा कि सकारात्मक सोच बनाकर सही उपयोग से ही सामाजिक परिवर्तन किया जा सकता है इसके लिए सभी नेतृत्व करने वालों को सामने आकर आगे चलने की आवश्यकता है । कार्यक्रम के आयोजक संस्थान के महामंत्री आशाराम एस एल सागर मानसिंह, सिपाहीराम, रामेश्वर दयाल, रुपकिशोर, डा0 महेन्द्र, फोरमसिंह, बसपा के पूर्व जोनल-कोआडिनेटर श्रीकृष्ण मौर्य, आरपी बौद्ध, रामदत्त राजपूत, चिरंजी लाल, प्रेमचन्द्र, बामसेफ प्रान्तीय अध्यक्ष टीएस राही, अखिल भारतीय अनुसूचित जाति कर्मचारी कल्याण संघ के प्रान्तीय महामंत्री नानक चन्द्र, राहुल कुमार, आरडी बौद्ध आदि मौजूद रहे । कार्यक्रम की शुरुआत बौद्धभिक्षुओं ने बुद्ध वन्दना के बीच डा0 अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई।