लखनऊ : भारतीय जनता युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पद पर गाजीपुर के निवासी आशुतोष राय को नियुक्त किए जाने के बाद कई माह से जारी खींचतान पर विराम लग गया।
आशुतोष भाजयुमो की निवर्तमान प्रदेश कार्यकारिणी में कोषाध्यक्ष पद पर आसीन थे। आरएसएस के एक वरिष्ठ स्वयंसेवक के निकट संबंधी आशुतोष भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी की पंसद भी माने जाते है। भाजयुमो की कमान को पूर्वाचल कोटे में डालकर क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश की है। विद्यार्थी परिषद कोटे से अनिल यादव और महिला कोटे से रंजना सिंह की दावेदारी ने खींचतान को तेज कर दिया था। इसके अलावा सुभाष यदुवंशी, राजेश चौधरी व कौशलेंद्र सिंह जैसे नामों को लेकर कई केंद्रीय व प्रदेश स्तरीय दिग्गज जोर आजमाइश में लगे थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, नेता विधानमंडल व नेता विधानपरिषद जैसे पद पश्चिम उप्र के खाते में जाने के बाद से सबकी निगाहें भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष पद पर लगी थी लेकिन संघ से आशुतोष के नाम का हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद का विवाद निपट गया।
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सब साथ मिलकर चलेंगे: आशुतोष
प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में आशुतोष राय ने सबके साथ मिलकर चलने की बात कही। उन्होंने कहा कि भाजयुमो का पहला लक्ष्य आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के कम से कम 40 सांसद प्रदेश से विजयी बनाने का रहेगा। सपा बसपा के भ्रष्टाचार व सरकार की नाकामियों को लेकर सड़क पर संघर्ष होगा। युवाओं को झूठे वादों व हवाई सब्जबाग दिखाकर गुमराह कर रही अखिलेश सरकार की सच्चाई जाहिर करेंगे।