नई दिल्ली। भांजे की सीबीआइ द्वारा रंगे हाथों गिरफ्तारी से परेशान रेल मंत्री ने प्रधानमंत्री से मिलकर इस्तीफे की पेशकश कर दी है। दोनों के बीच बातचीत करीब 40 मिनट तक चली। सूत्रों के अनुसार, बंसल का कहना है कि वह यूपीए के लिए कोई परेशानी नहीं खड़ी करना चाहते, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है।
अब देखने वाली बात यह है कि पीएम उनका इस्तीफा स्वीकार करेंगे या नहीं। इससे पहले माना जा रहा था कि शाम को होने वाली कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक में रेल मंत्री अपने इस्तीफे की पेशकश भी कर देंगे। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा नब्बे लाख रुपये की घूस दिए जाने के मामले में भाजपा रेल मंत्री के इस्तीफे और उन पर सीबीआइ द्वारा मामला दर्ज कराने पर अड़ी है।
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यूं तो रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने अपने भांजे की गिरफ्तारी और उस पर लगे घूस लेने के आरोप से अपना पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा कि है कि वह इस मामले के बारे में नहीं जानते हैं, इसका सरकारी कामकाज से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन विपक्ष इतने से संतोष करने वाला नहीं दिखाई दे रहा है।
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भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया है कि रेलवे में ऊंचे पदों की बोली लग रही है। उन्होंने रिश्वत मामले में रेल मंत्री की भूमिका जांच की भी मांग की है। प्रसाद ने जहां पवन कुमार बंसल के खिलाफ मामला दर्ज कराने की मांग की है, वहीं रेलवे बोर्ड के सदस्य और बंसल के भांजे की भूमिका की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
इससे पहले बंसल ने कहा था कि सरकारी काम-काज में रिश्तेदारों का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। उन्होंने इस संबंध में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। गौरतलब है कि शुक्रवार को रेल मंत्री के भांजे विजय कुमार सिंगला को सीबीआइ ने नब्बे लाख रुपये की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा था। यह रकम उन्हें बतौर रिश्वत दो दिन पहले ही रेलवे बोर्ड के सदस्य बनाए गए महेश कुमार ने भिजवाई थी।
सीबीआइ ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। इस गिरफ्तारी के साथ ही संसद न चलने के आसार और बढ़ गए हैं, क्योंकि अब प्रधानमंत्री और अश्रि्वनी कुमार के साथ-साथ पवन बंसल भी विपक्ष के निशाने पर होंगे। विपक्ष इस मामले में रेल मंत्री पर घूस लेने का आरोप लगा रहा है और उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। भाजपा का कहना है कि यह घूस रेल मंत्री के इशारे पर ही ली गई है।
सीबीआइ ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में विजय कुमार सिंगला को संदीप गोयल और मंजूनाथ नाम के दो मध्यस्थों के साथ गिरफ्तार किया। सिंगला का कहना है कि यह रिश्वत हाल में रेलवे के महाप्रबंधक से मेंबर [स्टाफ] नियुक्त किए गए महेश कुमार की ओर से पहुंचाई गई थी। माना जा रहा है कि उनकी निगाह रेलवे बोर्ड के मेंबर [इलेक्ट्रिकल] पर थी। दिल्ली से मुंबई पहुंचते ही महेश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया। वह मध्य रेलवे मुंबई में महाप्रबंधक थे। एक दिन पहले ही उन्होंने रेलवे बोर्ड में मेंबर स्टाफ का पदभार ग्रहण किया था।