FARRUKHABAD : इसे लापरवाही कहें या जनता के पैसे की बर्बादी, लाखों रुपये की लागत से बनाये गये रंगीन पानी के इस फब्बारे की स्थिति महज कुछ दिनों में ही यह हो गयी कि अब दूसरों को ठंडी फुहार देने वाला यह फब्बारा खुद बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहा है।
तत्कालीन जिलाधिकारी के धन लक्ष्मी द्वारा चार अप्रैल 2010 को इस फब्बारे का उदघाटन किया गया। फब्बारा बनवाने का शेहरा तत्कालीन चेयरमैन मनोज अग्रवाल के सर बंधा था और बंधना भी चाहिए था। उन्होंने जिले को एक ऐसी अदभुत चीज दे दी थी जो देखने के लिए लोग शाम को लाल दरबाजे पर एकत्रित होते थे। पानी की डिजाइन के साथ-साथ उसके रंग में परिवर्तन की मनोहारी छटा देखकर मन मन लोग आनंद लेते थे। लेकिन अब महज नगर पालिका की अनदेखी के चलते लाल सराय का यह अदभुत फब्बारा जर्जर हालत में पहुंच गया है। अंदर की काफी मशीनरी टूट चुकी है। आस पास भी शरारती तत्वों ने जगह जगह उसे तोड़ डाला है। नशेड़ी व्यक्ति झरने के अंदर घुसकर उसमें नशीले इंजेक्शन लगाकर खिसक लेते हैं और खाली सिरेंजें फब्बारे के अंदर ही छोड़ जाते हैं।
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नगर पालिका के वर्तमान चेयरमैन ने अगर इस सम्बंध में शीघ्र ध्यान न दिया तो जनता के पैसे से बनाया गया यह फब्बारा शीघ्र ही ध्वस्त हो जायेगा।