इंटरमीडियट पास स्टूडेंट्स को मुफ्त लैपटॉप देने की महत्वाकांक्षी योजना से उत्साहित होकर अखिलेश यादव सरकार ने अब किसानों को फ्री साइकिलें देने की रूपरेखा तय की है| खास बात यह है कि समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह भी साइकिल ही है और सरकार के इस निर्णय के राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं|
इसके लिए सरकार कोई नई योजना नहीं शुरू करने जा रही बल्कि वर्ष 2010 में मायावती सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना को नए कलेवर के साथ शुरू किया जाएगा. सरकारी मंडी तक आने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए मायावती सरकार ने 2010 में ‘किसान आवक उपहार योजना’ शुरू की थी. इसका उद्देश्य किसानों को अपनी उपज दलालों के हाथों न बेचकर सीधे निकट की मंडी में बेचने और उपज का वास्तविक मूल्य हासिल करने को प्रोत्साहित करना था|
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इस तरह प्रदेश की हर 249 मंडी में रजिस्टर्ड किसानों में से 10 को हर महीने लकी ड्रॉ के जरिए मोबाइल फोन दिए जा रहे हैं. मोबाइल फोन देने के पीछे मायावती सरकार का तर्क था कि इसके जरिए किसान सीधे मंडी फोन करके उपज का मूल्य पता कर सकते हैं. वर्तमान अखिलेश सरकार ने अब न केवल इस योजना को नया अमलीजामा पहनाया है बल्कि इसका विस्तार भी किया है. इसके तहत अब प्रदेश की सभी 249 मंडियों में रजिस्टर्ड 10 और 364 उपमंडियों में रजिस्टर्ड 5 किसानों को हर महीने लॉटरी के जरिए फ्री साइकिलें बांटी जाएगी.
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इस तरह एक वर्ष में कुल 51,612 किसान फ्री साइकिलें बांटेंगी और अखिलेश यादव सरकार इसके लिए 15 करोड़ रुपये खर्च करेगी. यह योजना जून में पूरे प्रदेश में एक साथ लागू हो जाएगी|
कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन बताते हैं ‘बीएसपी सरकार की इस योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा था इसलिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को मंडी तक आने के लिए लुभाने को योजना में बदलाव किया गया हैl