नई दिल्ली: अमेरिका में बोस्टन एयरपोर्ट पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खां को रोकने, तलाशी लेने और देर तक पूछताछ की घटना ने दिल्ली में तूल पकड़ लिया है। इससे नाराज उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खां के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी हावर्ड यूनिवर्सिटी जाने और वहां भाषण देने का कार्यक्रम रद कर दिया है। आजम के साथ यह घटना गुरुवार को हुई थी।
यह जानकारी रामपुर में मौजूद आजम खां के जनसंपर्क अधिकारी फसाहत अली खां शानू ने दी। शानू ने कहा कि फोन पर हुई बातचीत में आजम खां ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय में भाषण नहीं देने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार का यह दल वहां पर कुंभ मेले के सफल आयोजन पर व्याख्यान देने गया है। मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ ही आजम खां अमेरिका से वापस लौटेंगे। एयरपोर्ट पर अमेरिकी अधिकारियों द्वारा अपमानित किए जाने से आहत आजम ने तय शेड्यूल से पहले स्वदेश लौटने का फैसला किया था लेकिन किसी दूसरी फ्लाइट से वापसी की व्यवस्था न हो पाने से अब वह 28 अप्रैल को ही दिल्ली पहुंचेंगे।
इससे पहले सपा ने संसद में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की। केंद्र सरकार से जरूरी कदम उठाने के साथ घटना के लिए विदेश मंत्री तक से माफी की मांग कर डाली। इस बीच केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई है। विदेश मंत्रालय ने वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास को मामले को अमेरिकी अधिकारियों के सामने उठाने के जरूरी निर्देश दिए हैं।
समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को इस मामले को संसद में उठाया। राज्यसभा में तो सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा के नरेश अग्रवाल, अरविंद कुमार सिंह, दर्शन सिंह यादव व चौधरी मुनव्वर सलीम ने सभापति के आसन के पास आकर अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने दैनिक जागरण की प्रतियां भी सदन लहराई। उसी दौरान भाजपा सदस्य भी सभापति के आसन के पास आकर प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगने लगे। लिहाजा कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। दोबारा सदन की बैठक शुरू हुई तो फिर वही मंजर रहा और सदन की कार्यवाही 2.30 बजे तक स्थगित कर दी गई। लोकसभा में भी सपा सदस्यों ने इस मामले को उठाने की कोशिश की।
नरेश अग्रवाल ने बाद में पत्रकारों से कहा कि आजम खां के साथ अमेरिकी हरकत को सपा बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री के साथ विदेश में तलाशी, पूछताछ और बदसलूकी के लिए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद को माफी मांगनी चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते तो इस घटना के पीछे उनका हाथ होने से इन्कार नहीं किया जा सकता क्योंकि विदेश मंत्री जैसी बातें आजम के बारे करते रहते हैं, उससे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों को इस मामले को संबंधित अमेरिकी अधिकारियों के साथ उठाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। कजाखिस्तान दौरे पर गए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने यह कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की है कि उन्हें इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है। उन्होंने अमेरिका में इमीग्रेशन काउंटर पर चेकिंग के तौर-तरीकों का हवाला देते हुए कहा कि यह किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है।