लखनऊ : कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के साथ ही जनता से साथ बेहतर व्यवहार स्थापित करने में नाकाम हो रही पुलिस का चेहरा बदलने की पहल शुरू हुई है। पुलिस महानिदेशक का दायित्व संभालने के बाद देवराज नागर ने पहली बार जिलों के पुलिस कप्तान, रेंज के डीआइजी और जोन के आइजी को 27 अप्रैल को राजधानी तलब किया है। डीजीपी अपने इन मातहतों को संवेदनशील पुलिसिंग का पाठ पढ़ायेंगे।
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सोमवार को प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा ने पत्रकारों को बताया कि 27 अप्रैल को योजना भवन में 18 बिन्दुओं के एजेंडे पर डीजीपी महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में इनामी माफिया और पंजीकृत गिरोह के खिलाफ कार्रवाई, पुलिस गश्त और पिकेट, कंट्रोल रूम तक समय से सूचना पहुंचाने, महत्वपूर्ण अपराध और पर्यवेक्षण, गैंगस्टर एक्ट के तहत सम्पत्ति जब्त करने, आने वाले त्यौहारों पर सुरक्षा प्रबंधन, पुलिस व्यवहार, जनशिकायत और सुनवाई, अनुशासन, परेड और पुलिस का इकबाल, पुलिस अधीक्षक से लेकर सिपाही तक सूचनाओं का आदान-प्रदान, कम्युनिटी पुलिसिंग, नियमों, धाराओं और उपधाराओं का ज्ञान और कंट्रोल रूम में 100 नंबर पर आपरेशन आदि महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर संवाद स्थापित होगा। इस दौरान डीजीपी और पुलिस उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में सिस्टम की चूक उजागर की जाएगी और सबको बेहतर कार्य के लिए प्रेरित किया जायेगा।
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