पति को दगा दे पड़ोसी यार के साथ रफूचक्कर

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FARRUKHABAD : उसके लिए विवाह का मण्डप कोई मायने नहीं रखता, मंत्रोच्चारण, अग्निकुण्ड या विवाह की रश्मों को वह नहीं मानती। उसे तो अपने ख्वाबों व सपनों से ही मतलब था। इन सारी बातों को वह सिर्फ औपचारिकता ही मानती थी। सात फेरे, सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें तोड़कर वह अपने यार के साथ फरार हो गयी। मामले की जानकारी जब परिवार के लोगों को हुई तो वह खून का घूंट पीकर रह गये। सूचना पुलिस को मिली, लेकिन पुलिस ने खबर girl2लिखे जाने तक कोई कार्यवाही नहीं की।

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मंगलसूत्र जो एक विवाहिता के लिए भारतीय संस्कृति में बहुत ही अधिक महत्व रखता है, या यूं कहिए कि मंगलसूत्र को लेकर भारतीय नारी बहुत अधिक श्रद्धा रखती है। मंगलसूत्र विवाह उपरांत पति द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ पत्नी को धारण कराया जाता है। यह परम्परा आज की नहीं वल्कि वर्षों पुरानी है। लेकिन मंगलसूत्र गले में बंधने के बाद सुहागन हमेशा के लिए अपने पति की होकर रह जाती है। मन वचन कर्म से वह पति की सेवा करती है। पुराणों में भी सावित्री व सत्यभान जैसी कथाओ का जिक्र आता है।

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लेकिन आधुनिकता के इस युग में अब न ही सिंदूर उतना महत्वपूर्ण रह गया है न ही मंगलसूत्र। इच्छा बिस्तार वाली महिलायें इसको कब दगा दे दें, कोई नहीं जानता। गलत भी क्या है, कानून की किताब में तो इन परम्पराओ में बंधकर रहना कहीं लिखा नहीं। ऐसी ही परम्परा को तोड़कर कोतवाली कायमगंज क्षेत्र के गांव जिजपुरा में हुई। जहां पर मीरा देवी पत्नी वीरेन्द्र कठेरिया ने कोतवाली में शिकायती पत्र देकर कहा है कि उसकी बहू ममता 10 हजार रूपये की नकदी व सोने चांदी के जेवरात लेकर गांव के ही दिलीप कुमार पुत्र श्रीकिशन के साथ भाग गयी है। पुलिस ने भी इस मामले को कुछ ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया। परिजनों को आश्वासन थमाकर वापस लौटा दिया। प्रश्न इस बात का उठता है कि पुलिस करेगी क्या। पुलिस अब जांच कर कानूनी कार्यवाही करने की बात कर रही है।