लखनऊ : देश की राजधानी दिल्ली में पांच वर्षीय बच्ची के साथ रेप की घटना का विरोध करने पर दिल्ली पुलिस के एक एसीपी ने शुक्रवार को अस्पताल में एक लड़की पर थप्पड़ों की बरसात कर दी। हाल ही में अलीगढ़ में यूपी पुलिस ने भी कुछ ऐसा ही किया था। उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ने तो पुलिस की कार्यशैली सुधारने के लिए जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि ईमानदार पुलिस अधिकारी की किरदार वाली फिल्मों को पुलिसकर्मियों को दिखाया जाना जरूरी है ताकि वे अपने अंदर जोश भर सकें। इसके मद्देनजर वाराणसी में उत्तर प्रदेश पुलिस के नुमाइंदों की कार्यशैली में बदलाव लाने के लिए जंजीर, शोले, शक्ति, त्रिशूल, दीवार, दबंग, गंगाजल और सिंघम जैसी बॉलीवुड फिल्में दिखाई जा रही हैं।
इन फिल्मों की सूची में एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन की फिल्म जंजीर, शोले, शक्ति, त्रिशूल, दीवार, सलमान खान की दबंग, अजय देवगन की गंगाजल और सिंघम शामिल हैं। इन फिल्मों में ईमानदार पुलिस ऑफिसर के संघर्ष की कहानी दिखाई गई है जो बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट रही है। वाराणसी पुलिस के सैकड़ों जवान रोज एक ऐसी फिल्म को देख रहे हैं।
पिछले दिनों कुछ पुलिसकर्मियों की करतूत से पूरे पुलिस विभाग को शर्मशार होना पड़ा था। पुलिस को अपनी छवि सुधारने के लिए पुलिस महानिदेशक कार्यालय से चार पेज का सर्कुलर आया है। एसएसपी अजय मिश्रा का कहना है कि बेहतर जनसंपर्क से ही अपराध पर काबू पाया जा सकता है।
ईमानदार पुलिस ऑफिसर के किरदार वाले रोल असली पुलिस वालों को खूब भाते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि समाज भी ऐसे पुलिसकर्मियों को रियल लाइफ में देखना चाहता है। पुलिसकर्मियों के अन्दर मोटीवेशन के लिए इस तरह की तमाम फिल्में दिखाई जा रही हैं। जनता के प्रति कैसे संवाद किया जाए, मामलों को दबाया न जाए, अपराधियों तक कैसे पहुंचा जाए, इसको समझने के लिए फिल्में अच्छा माध्यम हैं।