लखनऊ : मायावती पर पलटवार करते हुए सपा ने कहा कि जिसका चरित्र ही लूट, वसूली और कमीशनबाजी रहा हो, उसे दूसरों में भी यही ऐब नजर आएंगे। अगर बसपा प्रमुख अपने शासनकाल के रिपोर्ट कार्ड पर नजर डाल लेती तो उन्हें राजभवन तक दौड़ लगाने की जरुरत नहीं पड़ती।
सपा प्रवक्ता और खाद्य-रसद एवं कारागार मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा कि राज्यपाल को ज्ञापन देकर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की माग कर मायावती ने जनादेश का अपमान किया है। जनता ने पाच साल के बसपा कुशासन को भुगतने के बाद ही अखिलेश यादव के नेतृत्व में बहुमत की सपा सरकार बनाई है। ऐसे में सरकार को झूठे आरोपों से बदनाम करनेवाले खुद ही जनता की निगाहों में गिर जाएंगे।
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चौधरी ने कहा कि सपा की सरकार बनने के पहले दिन से ही मायावती मानसिक संतुलन खो बैठी हैं। अपना भविष्य अंधकारमय देख वह घोर निराशा और कुंठा की शिकार हैं। ऐसे अवसादग्रस्त व्यक्ति द्वारा ही एक निर्वाचित और बहुमत की सरकार को अलोकतात्रिक तरीके से बर्खास्त करने की माग की जा सकती है।
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सपा प्रवक्ता ने कहा कि बसपा अध्यक्ष ने राजनीति को एक आपराधिक गिरोह में तब्दील कर रखा है। सत्ता उनके लिए स्वार्थसाधन और धन-संपत्ति कमाने का जरिया है। उनके कार्यकाल में सिर्फ लूट, वसूली और कमीशनबाजी का बोलबाला रहा। शर्म की बात तो यह रही कि पूर्व मुख्यमंत्री ने जिन्दा रहते अपनी प्रतिमाएं लगवाई, उन पर सरकारी खजाना लुटाया और स्वयं अपना कमीशन वसूलने से भी परहेज नहीं किया। जनता को उन्होंने घोटालों के अलावा कुछ नहीं दिया। बसपा के मंत्री-विधायक अवैध कब्जों, बलात्कार और अपहरण में लिप्त रहे। जनता बसपा सरकार के चरित्र को अच्छी तरह परख चुकी है। वह विधानसभा मे अपना जवाब दे चुकी है और लोकसभा चुनाव में फिर बसपा को करारा जवाब देगी।